दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार (पांच अप्रैल, 2022) को एक टीवी इंटरव्यू के दौरान हनुमान आरती सुनाई। यह वाकया हिंदी न्यूज चैनल एबीपी न्यूज से जुड़ा है, जिसमें एंकर ने में उनसे कहा था कि यह त्यौहारी मौसम चल रहा है। मंगलवार का दिन है। आप हनुमान जी के भक्त हैं और मंदिर भी जाते हैं। हनुमान चालीसा याद है या भूल गए?

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हंसते हुए केजरीवाल ने जवाब में कहा, “याद है, पर आज हनुमान जी की आरती सुनाते हैं।” दिल्ली सीएम ने इसके बाद आंखें बंद कीं और आरती गाने लगे। लगभग 30 सेकेंड तक आरती सुनाने के बाद वह रुके और बोले- मैं गाता बहुत खराब हूं…तो जो लोग सुन रहे होंगे, वे कहेंगे कि क्या गाता है ये? आगे यह पूछे जाने पर कि वाकई में हनुमान जी की पूजा रोज करते हैं? अरविंद केजरीवाल का जवाब आया- रोज तो नहीं, मगर मैं बचपन से ही हनुमान जी का भक्त रहा हूं।

केजरीवाल ने यह भी बताया- हम नेता नहीं हैं। हमें राजनीति करनी नहीं आती है। यह हमारी ताकत भी है और हमारी कमजोरी भी है। राजीनीति में आने से पहले दिल्ली की झुग्गियों में काम किया। 10-12 साल वहां काम किया। इनकम टैक्स की नौकरी छोड़कर वहां रहा। यही सोच थी कि देश आगे बढ़े। फिर अन्ना आंदोलन हुआ…तब तक कभी सोचा भी नहीं था कि राजनीति में आएंगे।

10 साल में दो सूबों में सरकार बनाने के पीछे का कारण बताते हुए वह बोले- हमने जो बातें कीं, उन्होंने लोगों के दिल और रोजमर्रा की जिंदगी को छुआ। हम कहते हैं कि आपके बच्चों को अच्छी शिक्षा देंगे, हर आदमी के मुफ्त और बढ़िया इलाज का बंदोबस्त करेंगे। दिल्ली में हमनें यह कर के दिखाया भी। आज तक 75 साल में भारतीय राजनीति में किसी पार्टी ने यह नहीं कहा कि मुझे वोट दो, मैं तुम्हारे बच्चों के लिए अच्छे स्कूल बनवा देंगे। तुम्हारे परिवार के लिए अच्छे अस्पताल बनाऊंगा। दुख होता है कि आखिरकार यही काम इन्होंने 75 साल में क्यों नहीं किया?

एंकर सुमित अवस्थी ने आगे यह भी सवाल दागा कि कांग्रेस को तो आप हरा (दिल्ली और पंजाब) लेते हैं, पर बीजेपी का तोड़ (गोवा और उत्तराखंड) नहीं है? केजरीवाल ने कहा- मैं तो छोटा सा आदमी हूं। मैं न शीला दीक्षित, न चरणजीत सिंह चन्नी और न ही कांग्रेस को हरा सकता हूं। जनता हराती है जनतंत्र में। अगर किसी को खुद पर घमंड हो जाए कि उसने फलां को हरा दिया तो वह बेवकूफ होगा। जनता हराती है और वही जिताती है। आप एक एजेंडा लेकर जाते हो, जनता यकीन करने पर जिता देती है।