पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली की तबीयत शुक्रवार (नौ अगस्त, 2019) को अचानक बिगड़ गई। उन्हें इसके बाद राजधानी नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया। सूत्रों के मुताबिक, 66 वर्षीय जेटली को सांस लेने में तकलीफ के साथ घबराहट महसूस हो रही थी, जिसके बाद आनन-फानन उन्हें एम्स लाया गया।
उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन उन्हें देखने अस्पताल पहुंचे। पीएम नरेंद्र मोदी भी इसके बाद जेटली का हाल जानने एम्स पहुंचे।
अस्पताल के मीडिया एंड प्रोटोकॉल डिविजन ने देर शाम बयान जारी करते हुए बताया कि जेटली सुबह अस्पताल में भर्ती किए गए थे। फिलहाल उनका इलाज आईसीयू (इंटेसिव केयर यूनिट) में कई डॉक्टर्स की निगरानी में चल रहा है और उनकी हालत स्थिर है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जेटली सुबह 11 बजे एम्स पहुंचे थे, जहां उन्हें कार्डियोलॉजी विभाग में भर्ती किया गया था। वहां उनकी जांच एंडोक्रिनोलॉजिस्ट, नेफ्रोलॉजिस्ट और कार्डियोलॉजिस्ट्स की संयुक्त टीम ने की।
दरअसल, जेटली लंबे वक्त से बीमार चल रहे हैं। उन्हें किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारी है। मई 2018 में उनका किडनी ट्रांसप्लांट का ऑपरेशन हुआ था। वह इसके अलावा कैंसर का भी सामना कर रहे हैं। पूर्व वित्त मंत्री के बाएं पैर में कैंसर (सॉफ्ट टिश्यू) है। वह इसकी सर्जरी के लिए जनवरी 2019 में अमेरिका भी गए थे।
सितंबर 2014 में डायबिटीज मैनेज के लिए उनकी गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी भी हो चुकी है, जबकि साल 2005 में उनका दिल से जुड़ा ऑपरेशन भी हुआ था। पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के पिछले कार्यकाल में वह वित्त मंत्री थे, पर 2019 में जब बीजेपी-मोदी को शानदार बहुमत मिला तो जेटली ने साफ किया कि वह अपने स्वास्थ्य के मद्देनजर नई सरकार में किसी प्रकार की जिम्मेदारी नहीं चाहते।
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