राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के दिल्ली स्थित कार्यालय के लिए नियमों में कथित तौर पर ढील दी गई है। झंडेवालान इलाके में इस ऑफिस का निर्माण कार्य फिलहाल चल रहा है। जिस हिसाब से काम हो रहा है, उससे यही लगता है कि यह आकार और अंदाज में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) दफ्तर की तरह भव्य होने वाला है।

दरअसल, 2016 में ढहा दिए गए केशव कुंज कॉम्पलेक्स में तीन जर्जर तीन मंजिला इमारतें थीं। अब इसी साइट पर एक कॉरपोरेट शैली की बहुमंजिला संरचना आ रही है, जिसमें स्वयंसेवकों की एक विशाल सेना रहेगी। कहा जा रहा है कि इमारत की ऊंचाई बढ़ाने के लिए नगर निगम के नियमों में ढील दी गई है। इसके विपरीत, महाराष्ट्र के नागपुर में आरएसएस मुख्यालय काफी हद तक अपने पुराने स्वरूप को बरकरार रखता है।

वहीं, नई दिल्ली में दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर बना भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का बहुमंजिला मुख्यालय भी किसी लग्जरी पार्टी ऑफिस से कम नहीं है। यह इस मामले में एक ऊंचा मानक स्थापित करता है। बीजेपी चीफ का ऑफिस सीईओ दफ्तर तक को टक्कर देता है और करीब तीन हजार स्क्वायर फुट में फैला है।

बीजेपी के नए मुख्यालय का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2018 की शुरुआत में किया था। 18 फरवरी को तत्कालीन पार्टी चीफ अमित शाह ने कहा था कि करीब 1.70 लाख स्क्वायर फुट में फैला भाजपा का नया हेडक्वार्टर दुनिया की किसी और सियासी पार्टी से बड़ा दफ्तर है। उद्घाटन के साथ ही भाजपा पहला प्रमुख दल बन गया था, जिसने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद लुटियन बंगले वाले जोन से खुद को शिफ्ट कर लिया था।

बीजेपी का यह ऑफिस डेढ़ साल के रिकॉर्ड वक्त में बना लिया गया था। मुंबई की एक आर्किटेक्ट कंपनी ने इसे डिजाइन किया था। नई बिल्डिंग में वाई-फाई, अंडरग्राउंड पार्किंग, कॉन्फ्रेंस हॉल्स, मीडिया फैसिलिटीज, खाने-पीने के ठिकाने, स्टूडियो, लाइब्रेरी, रीडिंग रूम और अन्य सुविधाएं मौजूद हैं।

दरअसल, जमीनी तौर पर संगठन को मजबूत करने के लिए बीजेपी ने पार्टी दफ्तरों का नेटवर्क बनाने की दिशा में आज से कुछ साल पहले प्लान बनाया था। इस योजना के अनुसार, देश के सभी 630 जिलों में भाजपा के दफ्तर होने का प्रस्ताव रखा गया था। कहा गया था कि ये सारे दफ्तर दिल्ली स्थित राष्ट्रीय मुख्यालय और राज्य दफ्तरों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संपर्क में रहेंगे। यह आइडिया केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लेकर आए थे।