सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर को लेकर बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने मोदी सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा है कि वह भी इंसान हैं और गलतियां कर सकते हैं। उन्हें इस बात का पता लगाना चाहिए कि आखिर साल 2016 से गिरती जीडीपी का उत्पादन क्यों हो रहा है?
स्वामी ने ये बातें रविवार (12 सितंबर, 2021) को कुछ सिलसिलेवार ट्वीट्स के जरिए कहीं। सबसे पहले बिना नाम लिए उन्होंने लिखा, “उन्होंने गलत लगता है। वह इंसान हैं और गलतियां कर सकते हैं। जैसे कि उन्होंने कहा था कि भारत पांच साल में जीडीपी को दोगुना कर पांच ट्रिलियन डॉलर कर देगा। इसके लिए हर साल 14.8% की जीडीपी विकास दर की जरूरत है।”
उनकी इस टिप्पणी पर फैंस, फॉलोअर्स और अन्य लोगों ने भी अपनी राय दी। @SaxenaNitendra के हैंडल से कहा गया, “आपको कड़े लक्ष्य तय करने पड़ते हैं और उन्हें हासिल करने के लिए लगातार प्रयासरत रहना चाहिए। वह गलत नहीं हैं। आप अभी भी पुराने कांग्रेसी काल में जी रहे हैं।”
बीजेपी सांसद ने इस पर तंज कसते हुए यूजर से उल्टा सवाल पूछ लिया, “तो क्यों न 2024 तक अमेरिकी अर्थव्यवस्था को पछाड़ने का लक्ष्य रखा जाए?” आगे @bablubhayya01 ने पूछा, “भारत में फोर्ड मोटर द्वारा अपना कारोबार बंद करने पर आपका क्या मत है?”
स्वामी ने जवाब दिया, “आप मुझे बताएं कि कौन नहीं बंद कर रहा है– यह स्वाभाविक है कि जब मांग कम हो रही है और वित्त मंत्रालय (MoF) अनजान है। वे केवल परिवार की चांदी बेचने के बारे में सोच सकते हैं।” @gopisehgal ने इस पर सवाल पूछा- क्या यह संभव है?
बीजेपी सांसद ने कहा, यह असम्भव नहीं है। मैंने खुद 10% जीडीपी विकास दर का सुझाव दिया है, जिसका मतलब है कि हर 7.2 साल में दोगुना करना और इसके लिए जरूरी प्राथमिकताएं, रणनीति और संसाधन जुटाना। मोदी 2016 से साल दर साल घटती जीडीपी विकास दर का उत्पादन कर रहे हैं। उन्हें इसका पता लगाना चाहिए।
@pauldenison के हैंडल से कहा गया, “सर, आप पीएम से सीधे बात क्यों नहीं करते हैं? मुझे यकीन है कि हर कोई अर्थव्यवस्था पर आपके ज्ञान से वाकिफ है, इसलिए कुछ करिए और उन लोगों को जगाइए।”
इसी बीच, @MoiBedanta नाम के यूजर ने लिखा- उन्होंने (स्वामी) सिर्फ अर्थशास्त्र सीखा है। स्वामी नहीं जानते कि चुनाव कैसे जीता जाता है, है न? वह अपने निजी शत्रुओं और विरोधियों को छोड़कर भारत के सामाजिक ताने-बाने के बारे में नहीं जानते। मोदी एक लोकतंत्र पर शासन कर रहे हैं, स्वामी इसे निरंकुशता के रूप में सोच सकते हैं।