Maharashtra Vidhan Sabha Election: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले महायुति के भीतर कलह की खबरें सामने आ रही हैं। इन्हीं अंदरूनी कलह और खामियों को दूर करने के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने महाराष्ट्र भाजपा इकाई को सलाह दी है। साथ ही गठबंधन सहयोगियों की चिताओं का समाधान करने के लिए भी कहा है। ताकि आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति को एकजुट और मजबूत रखा जा सके। पार्टी के वरिष्ठ नेता के मुताबिक, जेपी नड्डा ने महाराष्ट्र भाजपा से यहां तक कहा कि उसे बड़े भाई की भूमिका निभानी चाहिए।
नड्डा शनिवार को मुंबई पहुंचे थे। यहां उन्होंने लालबागचा राजा गणेश के दर्शन किए। उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के वर्षा स्थित आवास और बाद में मालाबार हिल्स में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सागर स्थित आवास पर जाकर चल रहे 10वें गणपति उत्सव में पूजा-अर्चना की। उन्होंने मुंबई भाजपा प्रमुख आशीष शेलार द्वारा आयोजित बांद्रा पश्चिम में सार्वजनिक गणेश के दर्शन भी किए।
उत्सव के अलावा नड्डा ने फडणवीस के आवास पर राज्य भाजपा कोर कमेटी के सदस्यों के साथ बातचीत की। नाम न बताने की शर्त पर पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि नड्डा ने विधानसभा चुनावों की चुनौतियों और तैयारियों के बारे में बात की। पार्टी नेता ने बताया कि नड्डा ने उनसे महायुति (भाजपा, शिवसेना और एनसीपी का तीन-दलीय गठबंधन) को मजबूत करने के लिए एक टीम के रूप में काम करने की अपील की।
विधानसभा चुनाव से पहले महायुति के भीतर चल रही कलह के बीच सूत्रों ने बताया कि नड्डा ने टीम वर्क की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है। बड़े भाई के तौर पर बीजेपी को समन्वय से जुड़ी चुनौतियों से निपटना चाहिए और अपने गठबंधन सहयोगियों को समायोजित करना चाहिए।
यह उल्लेख करना आवश्यक है कि दक्षिणपंथी विचारधारा के भीतर एक वर्ग उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के साथ गठबंधन को लेकर संशय में था। 2024 के लोकसभा चुनावों में अजित पवार उम्मीद के मुताबिक परिणाम देने में विफल रहे। परिणामस्वरूप खराब प्रदर्शन करने वाली भाजपा को भी यह एहसास हो गया कि एनसीपी के साथ उसका गठबंधन संसदीय चुनावों में नुकसानदेह साबित हुआ है।
हालांकि, फडणवीस ने बार-बार कहा है कि भाजपा गठबंधन सहयोगियों शिवसेना और एनसीपी के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ेगी। इससे पहले, अपने मुंबई दौरे के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शिंदे और अजीत पवार से मुलाकात की थी, जिसके दौरान उन्होंने कथित तौर पर उन्हें आश्वस्त किया था कि अगर सीटों को लेकर कोई मुद्दा उठता है, तो दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व इसका समाधान करेगा।