महाराष्ट्र में Shivsena, Congress और NCP के बीच दो दिनों चली बैठकों के बाद गुरुवार (14 नवंबर, 2019) को न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर सहमति बन ही गई। तीनों पार्टियों के प्रवक्ताओं ने शाम को बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें बताया गया कि वे जनता के लिए सरकार बनाएंगे।
शिवसेना के एकनाथ शिंदे ने इस बारे में बताया, “बैठक में न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर चर्चा हुई, क्योंकि ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। इसे तीन पार्टियों के हाईकमान के पास भेजा जाएगा, जबकि वे तीनों ही इस पर अंतिम फैसला लेंगे।”
समाचार एजेंसी PTI-Bhasha ने NCP सूत्रों के हवाले से बताया कि पवार के 17 नवंबर को दिल्ली में सोनिया से भेंट करने की उम्मीद है। इसी बीच, कांग्रेस के एक सीनियर नेता बोले, ‘‘कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन और शिवसेना के नेताओं ने यहां सरकार के साझा एजेंडे पर सहमति बनाने के लिये मुलाकात की। इस साझा एजेंडे को न्यूनतम साझा कार्यक्रम कहा जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि न्यूनतम साझा कार्यक्रम के मसौदे को अंतिम रूप देने से पहले तीनों दलों के सर्वोच्च नेताओं से मंजूरी की जरूरत होगी। शिवसेना द्वारा समर्थन मांगे जाने के बाद गुरुवार को पहली बार कांग्रेस-राकांपा और शिवसेना तीनों दलों के नेताओं ने सरकार गठन के लिये चर्चा की।
बैठक में महाराष्ट्र राकांपा अध्यक्ष जयंत पाटिल, राकांपा नेता छगन भुजबल और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक, कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण, माणिकराव ठाकरे और विजय वडेट्टिवार तथा शिवसेना के एकनाथ शिंदे और सुभाष देसाई शामिल हुए। बीते कुछ दिनों से नजर आ रही गहमा-गहमी से इतर गुरुवार को हुई राजनीतिक वार्ता मीडिया की चकाचौंध से दूर हुई।
इससे पहले, शिवसेना नेता संजय राउत ने मुंबई में मंगलवार को ठाकरे के साथ वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल की बैठक की बात को अफवाह करार दिया। राउत ने ट्वीट किया, ‘‘अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने अहमद पटेल के साथ बैठक की और हमने कोई समझौता कर लिया है। उद्धव ठाकरे की ओर से मैं यह साफ करना चाहता हूं कि यह झूठ है और जानबूझकर फैलाया जा रहा है। कांग्रेस और राकांपा के साथ हमारी बातचीत चल रही है।’’