पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ मुंबई के एक मजिस्ट्रेट की अदालत में शिकायत दर्ज करा कर उनके खिलाफ राष्ट्रगान का कथित रूप से अपमान करने के लिए प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई है। शिकायत भाजपा के एक नेता ने की है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि 1 दिसंबर को मुंबई में एक समारोह में भाग लेने के दौरान बनर्जी राष्ट्रगान के पहले दो छंदों को बैठने की स्थिति में गाईं, फिर खड़े होकर दो और छंद गांई और फिर ‘अचानक रुक गईं’।
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि उन्होंने राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम, 1971 के तहत अपराध किया है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि पुलिस में शिकायत करने के बावजूद कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई। इसलिए अदालत से उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की गई है।
दरअसल ममता बनर्जी तीन दिन के दौरे पर हाल ही में मुंबई गई थीं। इस दौरान उनका काफी व्यस्त कार्यक्रम रहा। उन्होंने एनसीपी नेता शरद पवार, शिवसेना नेता संजय राउत और आदित्य ठाकरे समेत कई सिविल सोसायटी के महत्वपूर्ण लोगों से मुलाकात कीं। इसके अलावा उन्होंने मुंबई में ही एक प्रेस कांफ्रेंस भी किया। इस दौरान उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस शुरू होने से पहले बैठे-बैठे ही राष्ट्रगान गाना शुरू कर दिया। दो लाइन गाने के बाद वे उठ गईं और दो लाइन और गाईं। इसके बाद उसे अधूरा छोड़कर प्रेस कांफ्रेंस करने लगी थीं। कई लोगों ने उनके इस व्यवहार पर रोष जताया था।
भाजपा आईटी सेल के अध्यक्ष अमित मालवीय ने कहा था, “हमारा राष्ट्रगान हमारी राष्ट्रीय पहचान की सबसे शक्तिशाली अभिव्यक्ति में से एक है। कम से कम सार्वजनिक पद धारण करने वाले लोग इसे नीचा नहीं दिखा सकते। यहां बंगाल के सीएम द्वारा गाए गए हमारे राष्ट्रगान का एक विकृत रूप है। क्या भारत का विपक्ष इतना गर्व और देशभक्ति से रहित है?
कई नेताओं ने इसे राष्ट्रगान का अपमान कहते हुए पूछा कि क्या ममता बनर्जी को राष्ट्रगान की गरिमा नहीं पता है। पश्चिम बंगाल भाजपा इकाई ने ट्वीट किया, “ममता बनर्जी पहले बैठी थीं, फिर खड़ी हुईं और भारत का राष्ट्रगान आधा गाना बंद कर दिया। आज एक मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने बंगाल की संस्कृति, राष्ट्रगान, देश और गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर का अपमान किया है।”