Mukul Roy Missing: तृणमूल कांग्रेस के दिग्गज नेता मुकुल रॉय सोमवार देर रात दिल्ली पहुंच गए। इससे पहले उनके परिवार ने उनके लापता होने की जानकारी दी थी। मुकुल रॉय के बेटे शुभ्रांशु रॉय ने बताया था कि उनके पिता मुकुल रॉय सोमवार देर शाम से लापता हैं। उन्होंने कहा कि वो अपने पिता से लगातार संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन बात नहीं हो पा रही है। मुकुल रॉय सोमवार शाम को इंडिगो की फ्लाइट (GE-898) से दिल्ली के लिए रवाना हुए थे।

शुभ्रांशु रॉय ने मुकुल रॉय के लापता होने की दी थी जानकारी

शुभ्रांशु रॉय ने जानकारी देते हुए बताया था, ‘सोमवार की शाम को उनके पिता मुकुल रॉय को कोलकाता से दिल्ली की इंडिगो फ्लाइट लेनी थी। फ्लाइट रात को 9 बजकर 55 मिनट पर दिल्ली पहुंच गई, लेकिन उनके पिता का कुछ भी पता नहीं चला। पूर्व रेल मंत्री के बेटे शुभ्रांशु ने पीटीआई-भाषा को बताया कि उनके पिता का सोमवार देर शाम से कुछ भी पता नहीं लग रहा है और वह लापता हैं। टीएमसी नेता शुभ्रांशु ने कहा कि अब तक मैं अपने पिता से संपर्क करने में असमर्थ हूं। वह लापता हो गए हैं।’

टीएमसी नेता के करीबियों ने कहा था कि मुकुल रॉय सोमवार शाम को दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाले थे। उनके एक करीबी सहयोगी ने कहा कि हमें केवल इतना पता है कि वह रात करीब नौ बजे दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरने वाले हैं, लेकिन उनका अभी तक कोई पता नहीं चल सका।

बेटे के साथ मुकुल राय की कहासुनी की बात आई सामने

सूत्रों के मुताबिक, रविवार को रॉय और उनके बेटे के बीच कहासुनी के बाद से नेता ‘लापता’ हो गए थे। मुकुल रॉय, जो अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे। हाल ही में फरवरी में अस्पताल में भर्ती हुए थे। मुकुल रॉय के बेटे ने दावा किया था कि परिवार ने हवाई अड्डे के पुलिस अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज कराई है, पुलिस के सूत्रों ने कहा कि अब तक कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली है।

साल 2017 में टीएमसी से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे मुकुल रॉय

साल 2017 में पार्टी नेतृत्व के साथ मतभेदों के चलते मुकुल रॉय ने टीएमसी से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे। उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया था। 2019 में बंगाल में भाजपा को लोकसभा की 40 में से 18 सीटें मिलने में उनकी बड़ी भूमिका मानी जाती है। 2021 के विधानसभा चुनाव में वह कृष्णानगर उत्तर सीट से विधायक चुने गए, लेकिन भाजपा चुनाव हार गई। इसके बाद फिर से वो ममता बनर्जी के साथ आ गए थे।