महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने गुरूवार को अपनी पार्टी का नया भगवा झंडा जारी करके और पाकिस्तानी, बांग्लादेशी घुसपैठियों को देश से बाहर करने के लिए एनडीए सरकार को समर्थन देने की घोषणा कर संकेत दिया कि वह अपने चाचा बाल ठाकरे की हिंदुत्व की विचारधारा की ओर बढ़ना चाहते हैं।
नौ फरवरी को करेगी विरोध मार्च: पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ प्रचार करने वाले ठाकरे ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) तथा राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का भी बचाव किया। उन्होंने ऐलान किया कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) पाकिस्तान और बांग्लादेश के अवैध घुसपैठियों को देश से बाहर निकालने की मांग करते हुए नौ फरवरी को विरोध मार्च निकालेगी।
हिंदू की तरह पीछे पड़ जाऊंगा: इससे पहले उन्होंने अपनी पार्टी का नया झंडा जारी किया जो पूरी तरह भगवा है और उसमें छत्रपति शिवाजी महाराज की ‘राजमुद्रा’ का चित्र है। राज ठाकरे ने यहां पार्टी के पूर्ण अधिवेशन के समापन सत्र में कहा, ‘‘मैं मराठी हूं और हिंदू भी। मैंने अपना धर्म नहीं बदला है। अगर मेरे अंदर के मराठी को छेड़ने की कोशिश होगी तो मैं मराठी के रूप में उस आदमी के पीछे पड़ जाऊंगा और यदि कोई मेरे अंदर के हिंदू को छेड़ता है तो उसके पीछे हिंदू की तरह पड़ जाऊंगा।’’
पहले से था झंडे के लिए विचार: अपने ‘मराठी मानुस’ के रुख से हिंदुत्व की ओर वैचारिक बदलाव की अटकलों को तवज्जो नहीं देते हुए ठाकरे ने कहा कि मनसे की स्थापना के समय से उनके मन में झंडे की यह डिजाइन थी। उन्होंने कहा कि मौजूदा राजनीतिक परिस्थिति में झंडे को जारी करना पूरी तरह संयोग है।
हिंदुत्व विचारधारा के लिए जाना जाता: राज ठाकरे ने शिवसेना से अलग होकर 2006 में अपनी पार्टी बनाई थी। शिवसेना को भी उसकी हिंदुत्व की विचारधारा के लिए जाना जाता रहा है। लेकिन उद्धव की अगुवाई वाली पार्टी ने पिछले साल भाजपा से अलग होकर महाराष्ट्र में कांग्रेस तथा एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी।’