इन दिनों पूरे देश की निगाहें बंगाल में चल रहे सियासी ड्रामे पर टिकी हुई हैं। ऐसे में राज्य की ममता बनर्जी सरकार ने कुछ अधिकारियों को प्रोमोशन दिया है। जिसे लेकर सवालिया निशान उठने लगे हैं। मामले में राज्य सरकार पर बंगाल की सियासत में जमीन बना रही बीजेपी ने हमला बोला है। बीजेपी का दावा है कि ममता सरकार उन अधिकारियों का हौसला बढ़ाने और प्रोमोशन देने का काम कर रही है जिन पर कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की सुरक्षा की जिम्मेदारी थी। गौरतलब है कि इसी महीने जेपी नड्डा के काफिले पर पश्चिम बंगाल में हमला हुआ था। जिसके बाद से दिल्ली से कोलकाता तक सियासी भूचाल आ गया था। भगवा पार्टी का आरोप है कि ममता बनर्जी इस तरह के कदम से नौकरशाही को बताना चाहती है कि अगर वे बीजेपी का विरोध करेंगे तो सरकार उनकी तरक्की करेगी।
क्यों उठ रहे हैं सवाल?
दरअसल विवाद दक्षिण बंगाल के एडीजी राजीव मिश्रा के प्रोमोशन को लेकर है। बाकी अफसरों की तरह मिश्रा को भी प्रोमोशन मिला है। लेकिन मिश्रा की प्रोन्नति बीजेपी को नागवार गुजरी है। गौरतलब है कि मिश्रा पर जेपी नड्डा की सुरक्षा की जिम्मेदारी थी। मालूम हो कि जेपी नड्डा पर हमले के बाद अधिकारी मिश्रा को केंद्र सरकार ने दिल्ली तलब किया था। लेकिन ममता बनर्जी सरकार ने रोड़ा अटकाते हुए कहा था कि मिश्रा को दिल्ली नहीं बुलाया जा सकता है।
बीजेपी के प्रवक्ता शहनवाज हुसैन ने कहा कि ममता सरकार संदेश देना चाहती है कि जो बीजेपी के खिलाफ होगा ममता बनर्जी उसको प्रोमोशन देने का काम करेगी। हुसैन ने चिंता जताते हुए कहा कि टीएमसी सरकार का ये रवैया सही नहीं है। राज्य में कानून व्यवस्था की क्या हालत है ममता सरकार ये कदम उसके बारे में बताता है।
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि हर तरफ से निराश ममता बनर्जी को लगता है कि अब सत्ता से बाहर होना ही है तो क्यों न अपनी तरफ कुछ नौकरशाह को कर लिया जाए। लेकिन ममता बनर्जी का गिरता जनाधार इस बात की गवाही है कि अगले साल बीजेपी की सरकार बन रही है। ममता बनर्जी की इन कोशिशों से जनता का मन बदलने वाला नहीं है। बदलाव होकर रहेगा।