महाराष्ट्र में अजित पवार और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के 8 विधायकों के पार्टी से बगावत करने और शिंदे सरकार में शामिल होने के एक हफ्ते बाद शिवसेना (UBT) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर निशाना साधा है। उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि वह यह देखने का इंतजार कर रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी अपनी नयी टोली को कैसे संभालती है।

भाजपा के बारे में उद्धव ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि भाजपा इस बारे में कुछ कहने के लायक है। उसके पास हमें भाषण देने का कोई अधिकार नहीं है। मैं सिर्फ यह देखने का इंतजार कर रहा हूं कि भाजपा अपनी नयी टोली को कैसे संभालती है।

सुप्रीम कोर्ट से न्याय की मांग करेंगे- उद्धव ठाकरे

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत शिवसेना के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिकाओं के मुद्दे पर उद्धव ने कहा कि राज्य विधानसभा अध्यक्ष को एक तय रूपरेखा के भीतर इस पर फैसला लेना होगा। पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्पष्ट है। विधानसभा अध्यक्ष को उस दायरे में फैसला लेना चाहिए और अगर उनका निर्णय उस दायरे से बाहर लिया जाता है, तो हम सुप्रीम कोर्ट से न्याय की मांग करेंगे। विधानसभा स्पीकर ने शिंदे गुट के विधायकों को नोटिस जारी किया है।

उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में विदर्भ क्षेत्र का दो दिवसीय दौरा शुरू करने के बाद नागपुर में पत्रकारों से कहा कि अगर विधानसभा अध्यक्ष इसे दरकिनार कर भी दें, तो सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे हमारे लिए हमेशा खुले हैं। गौरतलब है कि जून 2022 में शिंदे की अगुवाई में विधायकों की बगावत के कारण उद्धव के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार गिर गई थी और शिवसेना दो धड़ों में बंट गई थी। बाद में एकनाथ शिंदे भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री बन गए थे। 2 जुलाई 2023 को एनसीपी में अजित पवार के नेतृत्व में बगावत हुई और वह उपमुख्यमंत्री के रूप में शिंदे सरकार में शामिल हो गए। एनसीपी के आठ विधायकों ने शिंदे सरकार में मंत्री पद की शपथ ली।

शिवसेना के 40 विधायकों और उद्धव गुट के 14 विधायकों को नोटिस

महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने शनिवार को कहा था कि शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना के 40 विधायकों और उद्धव गुट के 14 विधायकों को नोटिस जारी कर उनके खिलाफ अयोग्यता की याचिकाओं पर जवाब मांगा गया है। शिवसेना (यूबीटी) ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट का रुख करते हुए विधानसभा अध्यक्ष को यह निर्देश देने का अनुरोध किया था कि वह अयोग्यता की याचिकाओं पर तेजी से सुनवाई करें।