Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर आज सभी 288 सीटों पर वोटिंग हो रही है। कई सियासी लड़ाइयों के बीच एक अहम मुकाबला बारामती विधानसभा सीट पर भी है, जहां लड़ाई सियासी होने के साथ ही पारिवारिक भी है। यहां डिप्टी सीएम और एनसीपी चीफ अजित पवार के सामने शरद पवार ने, उनके भतीजे युगेंद्र पवार को एनसीपी(SCP) प्रत्याशी के तौर पर उतारा है। ऐसे में आज वोटिंग के बीच अजित पवार ने भी इशारों में यह कह दिया कि यह लड़ाई मुश्किल होगी।

दरअसल, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर जारी वोटिंग के दौरान परंपरागत सीट बारामती से चुनावी मैदान में उतरे अजित पवार भी वोट डालने पहुंचे। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि महाराष्ट्र में महायुति की सरकार बनेगी, जिसका वह हिस्सा है। हालांकि दिलचस्प बात यह है कि अजित पवार ने भी अपनी सीट बारामती सीट पर चुनावी मुकाबले को मुश्किल बताया है।

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अजित पवार ने भी माना, बारामती में मुश्किल है लड़ाई

बारामती विधानसभा सीट को लेकर अजित पवार ने कहा कि यहां लड़ाई मुश्किल इसलिए है, क्योंकि यहां परिवार का मेंबर चुनावी मैदान में है। अजित पवार ने कहा कि परिवार के ही किसी सदस्य के मुकाबले में चुनाव में उतरना हमेशा कठिन होता है। हालांकि फिर भी यह दावे लगातार कर रहे हैं कि बारामती की जनता उन्हें ही जिताएगी।

बारामती में वोट डालने के बाद जब वे मीडिया के बीच पहुंचे तो उन्होंने बीजेपी नेता विनोद तावड़े पर लगे आरोपों पर भी बात की। उन्होंने कहा कि इस मामले पर तो बारामती की जनता ही विचार करेगी।

महाराष्ट्र चुनाव में जारी है वोटिंग

बारामती में क्यों मुश्किल हैं लड़ाई

बारामती विधानसभा सीट से एनसीपी (शरदचंद्र पवार) की पार्टी की तरफ से शरद पवार ने युगेंद्र पवार को उतारा है। युगेंद्र पवार अजित पवार के बड़े भाई के बेटे हैं। इसलिए यह कहा जा रहा है कि पहली बार अजित पवार को चुनावी इतिहास में बारामती में इतनी कठिन चुनौती मिल रही है।

सुप्रिया सुले पर बीजेपी के गंभीर आरोप

लोकसभा चुनाव से ही बढ़ गई थी मुसीबत

बारामती विधानसभा सीट पर सियासी लड़ाई इसलिए भी अहम है क्योंकि जब लोकसभा में इस सीट पर चुनाव हुए थे, तो सुप्रिया सुले ने जीत दर्ज की थी। अजित पवार ने अपनी बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को उतार था लेकिन फिर भी वे जीत नहीं पाईं थी।

ऐसे में उसी वक्त यह संकेत मिलने लगे थे कि बारामती में अजित पवार के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं, और अब अजित पवार भी यह स्वीकर कर रहे हैं कि उन्हें बारामती में चुनौती मिल रही है।