मंदिरों को फिर से खोलने की मांग को लेकर महाराष्ट्र भर में बीजेपी के विरोध प्रदर्शन से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता राम कदम को मुंबई में पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। इसके अलावा पुलिस ने मुंबई में पूर्व मंत्री सुधीर मुनगंटीवार को भी हिरासत में ले लिया है। प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर के बाहर बीजेपी कार्यकर्ताओं के इकट्ठा होने की खबरों के बीच किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए मंदिर के बाहर भारी पुलिस दल तैनात किया गया है।
नागपुर में भी बीजेपी कार्यकर्ता बड़ी संख्या में इकट्ठा हुए और मंदिरों के सामने विरोध प्रदर्शन किया। पुणे में, महाराष्ट्र बीजेपी प्रमुख चंद्रकांत पाटिल विरोध में शामिल हुए और शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा की एमवीए सरकार पर निशाना साधा।

महामारी के बीच मंदिर नहीं खोलने के लिए बीजेपी राज्य सरकार की आलोचना करती रही है। पार्टी नेताओं का आरोप है कि सरकार संक्रमण के बावजूद रेस्तरां और बार फिर से खोल सकती है, लेकिन मंदिर नहीं।
इस बीच सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने राज्य में मंदिरों को फिर से नहीं खोलने के महाराष्ट्र सरकार के रुख पर सवाल उठाया और कहा कि अगर मंदिरों पर से प्रतिबंध हटाने के लिए आंदोलन किया जाता है तो वह उसे अपना समर्थन देंगे। हजारे ने एमवीए सरकार के मंदिरों को फिर से खोलने से इनकार करने पर सवाल उठाया और इसके लिए उन्होंने शराब की दुकानों के बाहर लगी “लंबी कतार” की ओर इशारा करते हुए सरकार पर कटाक्ष किया।
अहमदनगर जिले के रालेगण सिद्धि गांव में हजारे ने कहा कि मंदिरों को फिर से खोलने की मांग करने वाले कुछ लोगों के एक प्रतिनिधिमंडल ने उनसे मुलाकात की थी। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार मंदिर क्यों नहीं खोल रही है? लोगों के लिए मंदिर खोलने में राज्य सरकार को क्या खतरा दिखता है? अगर कोविड-19 कारण है, तो फिर शराब की दुकानों के बाहर बड़ी कतारें क्यों हैं।”
84 वर्षीय हजारे ने कहा कि उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को अपने समर्थन का आश्वासन दिया और उनसे कहा कि अगर वे मंदिरों को फिर से खोलने की मांग को लेकर आंदोलन करेंगे तो वह उनके साथ रहेंगे।
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार ने कोरोना वायरस की स्थिति में सुधार को देखते हुए कई क्षेत्रों को फिर से खोल दिया और पूरी तरह से टीका लगाने वाले लोगों को मुंबई में लोकल ट्रेनों में यात्रा करने की अनुमति दी गई है। हालाँकि, राज्य सरकार अभी भी कोरोना वायरस के प्रसार के डर से धार्मिक स्थलों को फिर से खोलने से कतरा रही है, खासकर जब महामारी की तीसरी लहर का अनुमान लगाया जा रहा है।