UP Politics: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने रविवार को एक बार फिर से केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा। अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा को हराने के लिए नए समीकरण का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि NDA का मुकाबला के लिए PDA है। जिसमें पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक, मुसलमान भाई हैं। इनके साथ सबसे ज़्यादा भेदभाव हो रहा है।
अखिलेश यादव ने कहा कि मैंने सबको शामिल किया है। 80 हराओ, बीजेपी हटाओ। क्योंकि भाजपा 2014 से जीत रही है, इसिलए इनका 2024 में जाना तय है। इनके पास मंहगाई का जवाब नहीं है। क्या यह बताएंगे कि रिफाइन की कीमत क्या है? डीजल-पेट्रोल और वस्तुओं की क्या कीमते हैं? किसानों की एमएसपी? क्या सरकार ने आलू की खरीद की?
अखिलेश ने कहा कि विधानसभा में सरकार ने कहा था कि आलू खरीदेंगे। सपा प्रमुख ने पूछा बताओ कितना आलू खरीदा गया। प्राइवेट कंपनियों गेहूं खरीद रही है। अखिलेश ने पूछा कि शहरों में आटे की क्या कीमत है? सरकार ने किसी भी फसल का एमएसपी तय नहीं किया। सपा प्रमुख ने कहा कि दो सरकार किसानों के एमएसपी नहीं दे पा रही, वो सरकार किसानों को सपना दिखा रही है कि उनकी आय दोगुनी कर देंगे।
वहीं अखिलेश यादव के बयान पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने पलटवार किया है। केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘मैं इसका मतलब बता रहा हूं। P का मतलब परिवारवाद, D से दंगा और A से अपराधियों का संघ, इसलिए उनका PDA वह नहीं जो वे (अखिलेश यादव) बता रहे हैं। पिछड़े वर्ग ने उनको नकार दिया है। दलित उनको देख नहीं सकता क्योंकि सत्ता में रहते हुए उन्होंने काफी दमन किया है।’
इससे पहले शनिवार को एक निजी टीवी चैनल से बात करते हुए अखिलेश यादव ने गठबंधन पर पूछे गए एक सवाल पर कहा था कि 2024 के लिए उनका नारा है ’80 हराओ, बीजेपी हटाओ’। उन्होंने कहा कि सपा की तरफ से सभी विपक्षी दलों को इसमें शामिल होने का न्योता दिया गया है। सपा ने बहुत गठबंधन किए हैं। हमने खुद बड़ा दिल करके सभी दलों का साथ लाने का काम किया। 2017 में सपा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया, 2022 में भी छोटे दलों के साथ गठबंधन किया, 2019 में बसपा के साथ गठबंधन किया। अब ये और दलों की जिम्मेदारी बनती है कि बड़े दिल से सपा का साथ दें। अगर ऐसा हुआ तो बीजेपी 80 सीटें यूपी हारेगी।