Karnataka MP Anantkumar Hegde: विवादित बयानों के चलते अक्सर सुर्खियों में रहने वाले कर्नाटक सांसद अनंतकुमार हेगड़े के बयान से एक बार फिर से बखेड़ा खड़ा हो गया है। हेगड़े ने अपने बयान में राज्य की कई मस्जिदों का नाम लेते हुए उन्हें ढहाने की बात कही है। जिसके बाद बीजेपी ने हेगड़े के बयान से खुद को अलग कर लिया है। वहीं पुलिस ने अब हेगड़े के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
कर्नाटक सांसद हेगड़े ने अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले कथित तौर पर मंदिरों पर बनी मस्जिदों को ध्वस्त करने का आह्वान किया था। हालांकि, यह घटना उत्तर कन्नड़ सांसद की पहला विवादित बयान नहीं है।
‘हिंदू मंदिरों के ऊपर बनी मस्जिदों को ध्वस्त कर दो’
कुमटा में शनिवार को एक बैठक में बोलते हुए हेगड़े ने दावा किया कि कर्नाटक में हिंदू मंदिरों के ऊपर कई मस्जिदें बनाई गई हैं। उन्होंने कहा, ”जब तक उन्हें ध्वस्त नहीं किया जाएगा, हिंदू समुदाय शांति से नहीं बैठेगा।” उन्होंने कहा, ”बदला, बदला, बदला… अगर हमने 1,000 साल का बदला नहीं लिया, तो हिंदू समुदाय स्पष्ट रूप से कह सकता है कि हमारा खून हिंदू नहीं है।” हम ऐसी कौम नहीं हैं जो कर्ज में डूब जाएं। हम किसी भी कीमत पर कर्ज चुकाएंगे।”
रविवार को पुलिस ने हेगड़े की टिप्पणी पर उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 153ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 505 (सार्वजनिक उत्पात फैलाने वाले बयान) के तहत स्वत: संज्ञान लेते हुए एपआईआर दर्ज की।
हेगड़े 1996 में पहली बार सांसद चुने गए
हेगड़े की छवि एक कट्टर हिंदू राष्ट्रवादी की है और छह बार के सांसद हैं। कुछ दिनों पहले तक वो राज्य की राजनीति में शिखर पर थे। राज्य में हिंदू दक्षिणपंथी समूहों के बीच बड़ी संख्या में उनके चाहने वाले हैं। 55 वर्षीय व्यक्ति से राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन हाल ही में वह कम प्रोफ़ाइल में रहे हैं।
1996 में पहली बार सांसद चुने जाने से पहले हेगड़े आरएसएस और उसकी छात्र शाखा एबीवीपी में थे। पिछले कुछ वर्षों में विशेष रूप से राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद हेगड़े अक्सर विवादों में रहे हैं।
संविधान बदलने की बात कर चुके हेगड़े
अपने भड़काऊ भाषणों के लिए जाने जाने वाले हेगड़े को दिसंबर 2017 में लोकसभा में माफी मांगने के लिए मजबूर होना पड़ा था, जब उन्होंने कर्नाटक के एक कार्यक्रम में कहा था कि भाजपा “धर्मनिरपेक्ष” शब्द का सम्मान करती है, लेकिन पार्टी “संविधान को बदलने” के लिए सत्ता में आई है।
हेगड़े ने कहा था कि कुछ लोग कहते हैं कि संविधान धर्मनिरपेक्ष कहता है और आपको इसे स्वीकार करना चाहिए। हम संविधान का सम्मान करेंगे, लेकिन संविधान कई बार बदला गया है और भविष्य में भी बदलेगा। हम यहां संविधान बदलने के लिए हैं और हम इसे जल्द ही बदल देंगे।
विपक्ष की मांग को मानते हुए हेगड़े ने अपने माफीनामे में कहा कि वह “संविधान का उल्लंघन करने के बारे में सोच भी नहीं सकते”। हालांकि उनकी माफ़ी के बाद वह विशेष विवाद ख़त्म हो गया, लेकिन हेगड़े तनिक भी विचलित नहीं हुए।
डॉक्टरों से मारपीट का हेगड़े पर लग चुका आरोप
2017 में केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री नियुक्त किए जाने से कुछ महीने पहले उन्हें एक निजी अस्पताल के दो डॉक्टरों और एक कर्मचारी के साथ मारपीट करते हुए कैमरे में कैद किया गया था। हेगड़े इस बात से नाराज थे कि उन्होंने प्राथमिकता के आधार पर उनकी मां की देखभाल नहीं की थी। सांसद पर शिकायत दर्ज करने के खिलाफ डॉक्टरों को धमकी देने का भी आरोप लगाया गए। जिसके बाद यह मुद्दा समझौते पर आकर खत्म हुआ।
‘ताजमहल नहीं तेजोमहल है’
हेगड़े को षड्यंत्र रचने और उनको प्रचारित करने के लिए भी जाना जाता है। जिसमें 2019 में ताज महल के बारे में दावा करना भी शामिल है कि यह मुगलों द्वारा नहीं बनाया गया था और एक हिंदू मंदिर था। उन्होंने कहा था कि यह एक शिव मंदिर है, जिसे राजा परमतीर्थ ने बनवाया था, जिसे तेजो महालय के नाम से जाना जाता था, लेकिन बाद में तेजोमहालय, ताजमहल बन गया। अगर हम ऐसे ही सोते रहे तो हमारे ज्यादातर घरों का नाम भी मस्जिद हो जाएगा।
‘हिंदू लड़की को जो हाथ छुए उसका अस्तित्व मिटा दो’
हेगड़े पर 2019 में कोडागु में उनके द्वारा दिए गए एक भाषण के दौरान हिंसा भड़काने का भी आरोप लगाया गया था। सांसद ने कहा था, “अगर किसी हिंदू लड़की को किसी हाथ ने छुआ तो वो हाथ का वजूद नहीं होना चाहिए। जिसको लेकर कांग्रेस समेत कई दलों ने नाराजगी जताई थी।
राहुल गांधी पर टिप्पणी कर चुके हेगड़े
2019 में उन्होंने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर भी हमला करते हुए पूछा था कि वह हिंदू कैसे हो सकते हैं, क्योंकि उनका जन्म “एक मुस्लिम पिता और ईसाई मां से हुआ है”। इसके बाद हेगड़े की टिप्पणियों पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि बीजेपी सांसद हर भारतीय के लिए शर्मिंदगी का विषय हैं। उनको तत्काल पार्टी से बर्खास्त किया जाना चाहिए।
इस बात पर बीजेपी ने हेगड़े से मांगा था स्पष्टीकरण
उनकी सबसे विवादास्पद टिप्पणी पर भाजपा आलाकमान ने भी संज्ञान लिया और हेगड़े से स्पष्टीकरण मांगा था, जब 2020 में उन्होंने महात्मा गांधी पर निशाना साधते हुए कहा था कि गांधी के नेतृत्व वाला स्वतंत्रता आंदोलन एक “नाटक” था।
बेंगलुरु में एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हेगड़े ने कहा था, ‘कुछ लोग कहते रहते हैं कि हमें आजादी इसलिए मिली, क्योंकि कोई सत्याग्रह पर बैठा था। अंग्रेजों ने हताशा के कारण आजादी दी थी। इतिहास की किताबें पढ़कर मेरा खून खौल उठता है। ऐसे लोगों को हमारे देश में ‘महात्मा’ कहा जाता है। उन्होंने कहा था कि इनमें से किसी भी नेता को पुलिस ने एक बार भी नहीं पीटा। स्वतंत्रता आंदोलन अपने आप में एक बड़ा नाटक था। इसका मंचन अंग्रेजों की मंजूरी से किया गया था।’
टिप्पणियों पर भाजपा के कारण बताओ नोटिस के जवाब में हेगड़े ने कथित तौर पर पार्टी नेतृत्व से कहा था कि उन्होंने अपने भाषण में गांधी या भारत छोड़ो आंदोलन का उल्लेख नहीं किया, और उनके लिए जिम्मेदार विवादास्पद टिप्पणियां “गलत” थीं।
2004 से लगातार चुनाव जीत रहे हेगड़े
हालांकि, अब उनके पास केंद्रीय राज्य मंत्री का पद नहीं है, लेकिन हेगड़े भाजपा सदस्य और सांसद बने हुए हैं। उन्होंने 2004 से लगातार चुनावों में उत्तर कन्नड़ लोकसभा सीट से जीत हासिल की है। 2019 में उन्होंने 68.1% वोट शेयर हासिल करके जेडीएस उम्मीदवार को हराया। 2014 में उन्होंने 54.6% वोट शेयर के साथ कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ जीत हासिल की।