Lok Sabha Chunav: लोकसभा चुनाव 2024 के 7वें चरण का मतदान 1 जून को होने वाला है, लेकिन इस बीच शीर्ष राजनीतिक नेता सार्वजनिक रैलियों के दौरान अपनी विवादास्पद टिप्पणियों के लिए चर्चा में बने हुए हैं। इतना ही नहीं, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ने राहुल गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत की है।

नरेंद्र मोदी से लेकर राहुल गांधी तक, आइए इस चुनाव में कुछ शीर्ष राजनीतिक नेताओं द्वारा दिए गए पांच सबसे विवादास्पद बयानों पर एक नजर डालते हैं।

पीएम मोदी की ‘मुजरा’ और ‘घुसपैठ’ संबंधी टिप्पणी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 मई को विपक्ष पर तीखा हमला करते हुए कहा कि यदि विपक्ष चाहे तो अपने वोट बैंक के सामने मुजरा कर सकता है।
बिहार के काराकाट और पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्रों में लगातार रैलियों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, “बिहार वह भूमि है जिसने सामाजिक न्याय की लड़ाई को नई दिशा दी है। मैं इसकी धरती पर यह घोषणा करना चाहता हूं कि मैं अनुसूचित जातियों, जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के अधिकारों को छीनकर उन्हें मुसलमानों के हाथों में सौंपने की इंडिया ब्लॉक की योजनाओं को विफल कर दूंगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि वोट के लिए कौन किसके सामने ‘मुजरा’ कर रहा है। उन्होंने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ पर तीखा हमला किया और उस पर मुस्लिम वोट बैंक के लिए ‘गुलामी’ और ‘मुजरा’ करने का आरोप लगाया।

मोदी ने कहा कि लालटेन लेकर जो मुजरा करने वाली जमात है, ये बिहारियों का अपमान के बाद भी कांग्रेस के चरण चूम रही है। कांग्रेस के खिलाफ़ एक शब्द भी बोलने को तैयार नहीं है। RJD में हिम्मत नहीं कि वो बिहारियों के अपमान पर कांग्रेस को एक भी शब्द बोल पाए।

इससे पहले, मोदी के “घुसपैठियों” वाले बयान पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस सरकार देश की संपत्ति “घुसपैठियों” में बांट देगी।

हाल ही में एक चुनावी रैली में मोदी ने कहा, “कांग्रेस के घोषणापत्र में कहा गया है कि वे माताओं और बहनों से सोने का हिसाब लेंगे और फिर उस संपत्ति को बांटेंगे। इससे पहले जब उनकी (कांग्रेस की) सरकार सत्ता में थी, तो उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला हक मुसलमानों का है। इसका मतलब है कि यह संपत्ति किसे बांटी जाएगी? यह उन लोगों में बांटी जाएगी जिनके ज्यादा बच्चे हैं…यह घुसपैठियों में बांटी जाएगी।”

राहुल गांधी की ‘दो तरह के सैनिक’ वाली टिप्पणी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी उस समय विवादों में घिर गए जब उन्होंने केंद्र पर हमला करते हुए कहा कि पीएम मोदी ने देश में ‘दो तरह के सैनिक’ पैदा कर दिए हैं।

उन्होंने कहा, “…एक गरीब, दलित, अल्पसंख्यक का बेटा है और दूसरा अमीर परिवार से है। उन्होंने गरीब के बेटे को नया नाम दिया है अग्निवीर, जिसे पेंशन, कैंटीन जैसी कोई सुविधा नहीं मिलेगी…लेकिन, अगर आप वरिष्ठ अधिकारी हैं या इन चारों में से कोई एक हैं, तो आपको ये सभी चीजें मिलेंगी। सेना में उन्होंने ‘दो-भारत’, दो तरह के ‘शहीद’ बनाए हैं।”

सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा का राहुल गांधी यह नागवार गुजरी। 15 मई को भाजपा ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई कि कांग्रेस नेता ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है और भारतीय सेना का अपमान किया है।

सैम पित्रोदा की टिप्पणी

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सैम पित्रोदा विवादों से हमेशा दूर रहते हैं। इस चुनावी मौसम में उन्होंने अपने “विरासत कर” और “नस्लवादी” बयानों से लगातार दो सुर्खियां बटोरीं।

पिछले महीने सैम पित्रोदा ने अमेरिका में प्रचलित विरासत कर की अवधारणा के बारे में बोलते हुए विवाद खड़ा कर दिया था। उन्होंने कहा था कि इन मुद्दों पर चर्चा की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा था कि अमेरिका में विरासत कर है। अगर किसी के पास 100 मिलियन अमरीकी डॉलर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है तो वह अपने बच्चों को केवल 45 प्रतिशत ही ट्रांसफर कर सकता है, 55 प्रतिशत सरकार हड़प लेती है। यह एक दिलचस्प कानून है। यह कहता है कि आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति बनाई है और अब आप जा रहे हैं; आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए, पूरी नहीं, आधी, जो मुझे उचित लगता है।

इस महीने की शुरुआत में उन्होंने भारत की विविधता पर बोलते हुए एक और विवाद खड़ा कर दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि कैसे दक्षिण के लोग “अफ्रीकियों जैसे दिखते हैं और पूर्व के लोग चीनी और पश्चिम में लोग अरब जैसे दिखते हैं”।

पित्रोदा ने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘हम भारत जैसे विविधतापूर्ण देश को एक साथ रख सकते हैं। जहां पूर्व में लोग चीनी जैसे दिखते हैं, पश्चिम में लोग अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर में लोग शायद गोरे जैसे दिखते हैं और दक्षिण में लोग अफ़्रीकी जैसे दिखते हैं। इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता। हम सभी भाई-बहन हैं। हम अलग-अलग भाषाओं, अलग-अलग धर्मों, अलग-अलग रीति-रिवाजों, अलग-अलग खानपान का सम्मान करते हैं। पित्रोदा का यह वीडियो काफी वायरल हुआ था।

संबित पात्रा की भगवान जगन्नाथ पर टिप्पणी

हाल ही में ओडिशा में एक राजनीतिक विवाद तब शुरू हो गया था, जब पुरी लोकसभा क्षेत्र के भाजपा उम्मीदवार संबित पात्रा ने भगवान जगन्नाथ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का “भक्त” बताया। यह विवादास्पद टिप्पणी उस समय की गई जब संबित पात्रा मंदिर नगरी पुरी में मोदी के रोड शो के अंत में बयान दे रहे थे।

उन्होंने कहा, “पीएम मोदी को देखने के लिए लाखों लोग यहां एकत्र हुए हैं। जगन्नाथ मोदी के भक्त हैं और हम सभी पीएम मोदी के परिवार हैं। मैं अपनी भावनाओं को नियंत्रित नहीं कर सकता और मुझे लगता है कि आज का दिन सभी ओडिया लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है।” हालांकि, बाद में अपने इस बयान पर संबित पात्रा ने माफी मांगी थी।

नवनीत राणा ने अकबरुद्दीन ओवैसी को दी चेतावनी

9 मई को भाजपा नेता नवनीत राणा ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी के 2013 के भड़काऊ बयान का जिक्र करते हुए विवाद खड़ा कर दिया था। जिसमें उन्होंने कथित तौर पर “100 करोड़ हिंदुओं” को चेतावनी दी थी कि अगर पुलिस “15 मिनट” के लिए हटा ली जाए तो उनका समुदाय दिखा देगा कि वह क्या कर सकता है।

इसको लेकर नवनीत राणा ने कहा, “छोटा भाई कहता है ‘पुलिस को 15 मिनट के लिए हटा दो ताकि हम उन्हें दिखा सकें कि हम क्या कर सकते हैं।’ मैं छोटे भाई (अकबरुद्दीन) से कहना चाहती हूं कि आपको 15 मिनट लग सकते हैं, लेकिन हमें केवल 15 सेकंड लगेंगे… अगर हम आगे आएं तो हमें 15 सेकंड लगेंगे।”