Land For Job Case: जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में एक बार फिर से लालू के करीबियों पर छापेमारी जारी है। सीबीआई इस मामले में दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और पटना समेत नौ ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, पटना और आरा में राजद विधायक किरण देवी और पूर्व राजद विधायक अरुण यादव के पैतृक आवास सहित कई ठिकानों पर सीबीआई छापेमारी कर रही है।
सीबीआई की यह रेड नोएडा, दिल्ली और गुरुग्राम में लालू के करीबी माने जाने वाले प्रेम चंद गुप्ता के ठिकानों पर भी चल रही है। सीबीआई की टीम मंगलवार सुबह आरजेडी विधायक किरण देवी और पूर्व विधायक अरूण यादव के पैतृक आवास अगिआंव (आरा) पहुंची। जहां उसने छापेमारी की। वहीं सीबीआई की एक टीम पटना में छापेमारी कर रही है।
लालू के करीबी अरुण यादव पर लग चुका है दुष्कर्म का आरोप
किरण देवी संदेश विधानसभा क्षेत्र की विधायक हैं और उनके पति अरुण यादव की छवि एक बाहुबली के रूप में है। किरण देवी लालू यादव के करीबी विधायकों में एक मानी जाती हैं। अरुण यादव भी राजद सुप्रीमो लालू यादव के काफी करीबी रहे हैं। उनका लालू फैमिली से संबंधअच्छा रहा है। अरुण यादव पिछले साल एक नाबालिग से दुष्कर्म मामले में फंसे थे और उन्हें सरेंडर करना पड़ा था। हालांकि साक्ष्य के आभाव में उन्हें कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था। प्रेम चंद गुप्ता भी लालू के काफी करीबी हैं।
लालू के रेल मंत्री रहने के दौरान का है जमीन के बदले नौकरी का मामला
जमीन के बदले नौकरी का मामला लालू प्रसाद के 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहने के दौरान का है। उस वक्त उनके परिवार को कथित तौर पर उपहार में दी गई या बेची गई जमीन के बदले रेलवे में की गई नियुक्तियों से जुड़ा है। इसे लेकर सीबीआई भी जांच कर रही है। सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में कहा है कि भारतीय रेलवे के निर्धारित मानदंडों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए रेलवे में नियुक्तियां की गईं थी। होली के ठीक बाद ईडी ने भी बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के दिल्ली स्थित आवास पर छापेमारी की थी। जिसके बाद कई राजनीतिक दलों ने इसे बदले की कार्रवाई बताया था।
ईडी की अब तक की जांच में हुए हैं कई खुलासे
ईडी ने अपने बयान में कहा कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान उनके परिवार द्वारा कथित रूप से नौकरी के बदले जमीन मामले में अधिग्रहित की गई भूमि की वर्तमान में कीमत लगभग 200 करोड़ रुपये है। केंद्रीय एजेंसी ने लालू प्रसाद के परिवार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए अन्य संपत्तियों की एक लंबी सूची भी जारी की थी और कहा था कि यह संपत्ति भी यादव परिवार ने उस घोटाले के माध्यम से ही हासिल की है। ईडी की अब तक की PMLA जांच से पता चला है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान उनके परिवार ने रेलवे में नौकरी दिलाने के बदले में पटना और अन्य क्षेत्रों में प्रमुख स्थानों पर कई जमीनों का अवैध रूप से अधिग्रहण किया गया था।