कथित भूमि घोटाले में जांच का सामना कर रहे झारखंड के सीएम और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता हेमंत सोरेन की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। सीएम ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई देने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) को एक ईमेल पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने पूर्व निर्धारित बजट सत्र के चलते समय नहीं दे पाने को वजह बताई है। इस बीच रांची में झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के आवास, राजभवन और ईडी आफिस के 100 मीटर के क्षेत्र में धारा 144 लगा दी गई है।
दिल्ली के सीएम आवास से 36 लाख रुपये कैश भी बरामद
उधर, सीएम के दिल्ली आवास पर सोमवार को ईडी टीम को छानबीन में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और कई लाख रुपये कैश बरामद होने का दावा किया गया है। इस दौरान टीम हरियाणा के नंबर वाली एक बीएमडब्ल्यू कार भी जब्त की और इसके ड्राइवर को पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई। आधिकारिक सूत्रों के हवाले से न्यूज एजेंसी पीटीआई ने खबर दी है कि ईडी ने सीएम आवास से 36 लाख रुपये कैश बरामद किए हैं।
पत्र में उन्होंने लिखा, “आप अच्छी तरह से जानते हैं कि विधान सभा का बजट सत्र 2 और 29 फरवरी 2024 के बीच आयोजित किया जाएगा और अन्य पूर्व निर्धारित आधिकारिक व्यस्तताओं के अलावा हम उसी की तैयारियों में व्यस्त रहेंगे।”
प्रवर्तन निदेशालय के समन को दुर्भावनापूर्ण राजनीति से प्रेरित बताया
उन्होंने अपने जवाब में कहा, “ऐसे हालात में 31 जनवरी 2024 को या उससे पहले मेरा एक और बयान दर्ज करने का आपका आग्रह दुर्भावनापूर्ण है और राज्य सरकार के कामकाज को बाधित करने और लोगों के एक निर्वाचित प्रतिनिधि को अपने आधिकारिक कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकने के आपके राजनीतिक एजेंडे को उजागर करता है। हमारी यह आशंकाएं कि आपके कार्य दुर्भावनापूर्ण और राजनीति से प्रेरित हैं, प्रमाणित हो गया है। हमको सम्मन जारी करना पूरी तरह से कष्टप्रद है और कानून द्वारा दी गई शक्तियों का दुरुपयोग है।”
पार्टी नेता बोले, “आदिवासियों का अपमान है CM को भगोड़ा कहना”
हेमंत सोरेन के खिलाफ समन जारी होने तथा उनके दिल्ली आवास पर सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय की टीम के पहुंचने और तलाशी लेने पर उनकी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे जबरन परेशान करने की कोशिश बताई। जेएमएम नेता मनोज पांडे ने कहा, “एक चुनी हुई सरकार एक चुने हुए सीएम को परेशान कर रही है, क्या आदिवासी होना पाप है? हेमंत सोरेन ने ईडी को सूचित किया था कि वह 31 जनवरी को उपलब्ध होंगे, ईडी ने खुद 31 जनवरी की समय सीमा दी थी, तो 29 जनवरी को जांच क्यों की गई, इतनी हताशा क्यों? वह एक प्रिय मुख्यमंत्री हैं, भगोड़े नहीं…यह झारखंड की जनता और आदिवासियों का अपमान है…।”
झारखंड बीजेपी ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री “फरार” हैं और राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से इस पर गौर करने का आग्रह किया है। हालांकि राज्यपाल ने कहा है कि वह “पूरी स्थिति पर नजर रख रहे हैं।” उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “यह राज्यपाल का काम है, मैं कर रहा हूं। जब समय आएगा हम जिम्मेदारी निभाएंगे।”
झारखंड भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया है कि कुछ रिपोर्टों के अनुसार, हेमंत सोरेन “देर रात अपने दिल्ली स्थित घर से पैदल भाग गए हैं।”