जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने खुद को घर में नजरबंद किये जाने का दावा किया है। इसके साथ उन्होंने केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए ट्वीट कर कहा कि “आज मुझे घर में नजरबंद किया गया है क्योंकि मैं शोपियां में हमले के पीड़ित कश्मीरी पंडित के परिवार से मिलने जाना चाहती थी। भारत सरकार जान बूझकर कश्मीर के मुख्यधारा के लोगों के खिलाफ झूठा प्रोपेगेंडा कर पंडितों के पलायन के लिए मुसलमानों को जिम्मेदार ठहराना चाहती है और सरकार नहीं चाहती है कि उसकी विभाजनकारी बातें सभी के सामने उजागर हो जाए।”

मुफ्ती ने आगे कहा कि “यह जानने के लिए किसी बुद्धिमान व्यक्ति की आवश्यकता नहीं है कि अविश्वास को गहरा करने, विभाजन और घृणा के बीज बोने से राजनीतिक रूप से किसे लाभ होगा।”

महबूबा मुफ्ती अक्सर पाकिस्तान के लिए सहानभूति देने वाले बयानों के लिए जाना जाता है। इससे ठीक एक दिन पहले पाकिस्तान में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम पर उन्होंने कहा कि “पाकिस्तान में स्थिरता जरुरी है और हम चाहते हैं कि पाकिस्तान में भी लोकतंत्र मजबूत हो।”

कश्मीर की अर्थव्यवस्था को नुकसान पंहुचा रहा केंद्र: रविवार को महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर कश्मीर की अर्थव्यवस्था को ध्वस्त करने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कश्मीर की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रही है। यहां के लोगों का दमन करना चाहती है। उन्होंने इस बारे में प्रधानमंत्री मोदी से सवाल भी किया कि ये सब वह चुपचाप देख रहे हैं। उन्हें अब उनसे कोई उम्मीद नहीं रह गयी है।

आगे उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कश्मीर में शांति की बात करते है और दूसरी तरफ वे कश्मीर में सेना की ताकत बढ़ा रहे हैं। महबूबा मुफ्ती अलग- अलग मौकों पर कश्मीर में शांति के लिए पाकिस्तान से बातचीत करने की समर्थक रही है। केंद्र सरकार के द्वारा अगस्त 2019 में धारा 370 हटाने का विरोध भी महबूबा मुफ्ती की ओर से किया गया था।