Jammu and Kashmir Congress: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस महीने की शुरुआत में दावा किया था कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम के लिए ट्रेड डिप्लोमेसी का इस्तेमाल किया था। हालांकि, भारत ने अमेरिका के इस दावे को सिरे से खारिज किया है। इसी बीच अब जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने मंगलवार को केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने इस मामले में तीसरे पक्ष यानी अमेरिका की भूमिका स्वीकार कर लिया है।
जम्मू में प्रदेश कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में आयोजित जय हिंद सभा कार्यक्रम में कर्रा ने कहा कि हम जानना चाहेंगे कि वह व्यापार कूटनीति क्या थी।
ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु संघर्ष को रोकने में मध्यस्थता का श्रेय लेने का दावा किया था। हालांकि, पिछले हफ़्ते केंद्र ने इन दावों को खारिज कर दिया और यह भी कहा कि पाकिस्तान के साथ संघर्ष के दौरान अमेरिकी अधिकारियों के साथ हुई किसी भी चर्चा में व्यापार का मुद्दा शामिल नहीं था।
कर्रा ने मंगलवार को केंद्र पर भारत और पाकिस्तान के बीच 1972 के शिमला समझौते को कमजोर करने का आरोप लगाया, जिसके तहत दोनों देश अपने बीच के सभी मुद्दों को सुलझाने के लिए केवल द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। कर्रा ने दावा किया कि आगामी युद्ध विराम पर सहमति जताकर सरकार ने न केवल शिमला समझौते से समझौता किया है, बल्कि भारत और पाकिस्तान के बीच तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को भी स्वीकार किया है।
उन्होंने यह भी कहा कि 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को कुछ निर्देश देने की कोशिश की थी, लेकिन उन्होंने उन निर्देशों को स्वीकार नहीं किया था।
कर्रा ने कहा कि पिछले 10 वर्षों से आप (केंद्र सरकार) पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को वापस लेने के बारे में बयानबाजी करते रहे हैं और जब इसे वापस लेने का समय आया तो आपने अवसर गंवा दिया।उन्होंने कहा कि देश जानना चाहता है कि आपने पीओके पर हमला क्यों नहीं किया और उसे वापस क्यों नहीं लिया।
उन्होंने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले को भी खुफिया विफलता बताया, जिसमें 25 पर्यटक और एक स्थानीय व्यक्ति की मौत हो गई थी। उन्होंने दावा किया कि सरकार के पास आतंकवादियों के बारे में खुफिया जानकारी थी कि वे घाटी में कुछ बड़ा कर सकते हैं।
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उन्होंने 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 के तहत विशेष शक्तियों के हनन के बाद जम्मू-कश्मीर की स्थिति के बारे में केंद्र से सवाल किया और पूछा कि क्या बैसरन जैसी जगह पर सुरक्षा की तैनाती न करना लापरवाही का नतीजा था। उन्होंने सरकार से यह भी पूछा कि क्या उसने इस कथित चूक के लिए जिम्मेदारी तय की है और पर्यटकों की गोली मारकर हत्या के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार आतंकवादियों का क्या हुआ।
कांग्रेस नेता ने ऑपरेशन सिंदूर का कथित रूप से राजनीतिकरण करने के लिए भाजपा की आलोचना की और कहा कि ऐसा करके सत्तारूढ़ पार्टी हमारे सैनिकों की वीरता और बलिदान का अपमान कर रही है। कांग्रेस ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद सीमा पर तैनात सैनिकों और संघर्ष में शहीद हुए सैनिकों के सम्मान में मंगलवार को जम्मू में जय हिंद यात्रा निकाली। वहीं, पाकिस्तान से तनाव के बीच भारत ने T-72 टैंक और BMP-2 बख्तरबंद वाहनों को लाइन ऑफ कंट्रोल पर तैनात कर दिया है। पढ़ें…पूरी खबर