Row Over Kapil Sibal INDIA Meet: लोकसभा चुनाव 2024 को नई धार देने के लिए इंडिया गठबंधन की मुंबई में बैठक हो रही है। इस बैठक में पूर्व कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल की एंट्री से हंगामा मच गया। इस बात की किसी को उम्मीद नहीं थी कि कपिल सिब्बल इंडिया गठबंधन की बैठक में हिस्सा लेने पहुंच जाएंगे। सिब्बल के इंडिया गठबंधन की मीटिंग में शामिल होने से कांग्रेस के कई नेता नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि सिब्बल बैठक में आधिकारिक रूप से आमंत्रित व्यक्ति नहीं थे।

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल भी सिब्बल की एंट्री से खासा नाराज दिखे। उन्होंने ग्रुप फोटो खिंचवाने से पहले इसकी शिकायत महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से की।

मीडिया रिपोर्ट के मानें तो इस पूरे घटनाक्रम के दौरान कुछ नेता कपिल सिब्बल का बचाव करते भी दिखे। इनमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव शामिल हैं। दोनों ने वेणुगोपाल को मनाने की कोशिश की। यहां तक कि राहुल गांधी ने भी कहा कि सिब्बल के आने से उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, जिसके बाद ही सिब्बल को फोटो सेशन का हिस्सा बनाया गया।

कपिल सिब्बल को बैठक आमंत्रित नहीं किया गया था। पिछले साल मई, 2022 में वो कांग्रेस छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे। जिसके बाद उन्हें राज्यसभा भेजा गया था।

Mumbai: Opposition’s Indian National Developmental Inclusive Alliance (INDIA) leaders pose for a group photograph ahead of their meeting, in Mumbai, Friday, Sept. 1, 2023. (PTI Photo)

कपिल सिब्बल कांग्रेस के बड़े नेताओं में गिने जाते थे। यूपीए सरकार के दौरान कपिल सिब्बल केंद्रीय कानून मंत्री से लेकर मानव संसाधन विकास मंत्री तक रहे, लेकिन वो काफी समय से कांग्रेस नेतृत्व से नाराज चल रहे थे। कपिल सिब्बल कांग्रेस के उन नेताओं में गिने जाते थे, जो पार्टी को सबसे ज्यादा चंदा दिया करते थे। सिब्बल पंजाबी ब्राह्मण समुदाय से आते हैं और दिल्ली की सियासत में उनका अहम रोल माना जाता रहा है। राज्यसभा के नामांकन के बाद सिब्बल ने कहा कि मैं कांग्रेस का नेता था, लेकिन अब नहीं।

इंडिया मीटिंग में क्या हो रहा है?

शुक्रवार को इंडिया गठबंधन के शीर्ष नेताओं ने सीट शेयर करने की अपनी प्लानिंग को स्पष्ट करने और 2024 के लोकसभा चुनावों में एनडीए से मुकाबला करने के लिए एक साझा एजेंडे पर महत्वपूर्ण चर्चा शुरू की। सूत्रों ने यह भी कहा कि विपक्षी समूह के पास प्रवक्ताओं की एक टीम होनी चाहिए जो गठबंधन पक्ष रख सके।