पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने दिल्ली दौरे पर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। हालांकि, उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात नहीं की। इसपर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर ममता बनर्जी सोनिया गांधी से मिलतीं तो पीएम मोदी नाराज हो जाते।

अधीर रंजन चौधरी चौधरी ने ममता बनर्जी के दिल्ली दौरे पर कहा, ”ईडी द्वारा उनके भतीजे को तलब किए जाने के तुरंत बाद उनकी हरकतें बदल गईं। इससे पहले उन्होंने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर भाजपा के खिलाफ मिलकर मुकाबला करने की बात कही थी।”

वहीं, मेघालय में कांग्रेस के 12 विधायकों के टीएमसी में शामिल होने को लेकर कांग्रेस सांसद ने टीएमसी पर निशाना साधा। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि कांग्रेस को तोड़ने की ये साजिश केवल मेघालय ही नहीं, बल्कि पूरे पूर्वोत्तर में हो रही है। उन्होंने कहा, ‘मैं सीएम ममता बनर्जी को चुनौती देता हूं कि पहले उन्हें टीएमसी के चुनाव चिह्न पर चुनें और फिर औपचारिक तौर पर अपनी पार्टी में उनका स्वागत करें।”

अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ये सब लुईजिन्हो फलेरियो और प्रशांत किशोर मिलकर कर रहे हैं, हमें इस बात की भनक थी। दरअसल, हाल के दिनों में कांग्रेस के कई नेता टीएमसी में शामिल हुए हैं और इसको लेकर ममता बनर्जी और कांग्रेस के बीच दूरियां बढ़ने लगी हैं।

सोनिया गांधी से मुलाकात के सवाल पर पहले ममता बनर्जी ने कहा कि अभी कोई प्लान नहीं है क्योंकि वे पंजाब चुनाव में व्यस्त हैं। फिर तुरंत ममता बनर्जी ने कहा, ”मुझे हर बार सोनिया गांधी से क्यों मिलना चाहिए? यह संवैधानिक रूप से अनिवार्य तो नहीं है।” ममता बनर्जी के इस बयान के बाद ये कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों दलों के बीच हालिया घटनाक्रमों के बाद दूरियां बढ़ी हैं।

दूसरी तरफ, प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के दौरान ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में विस्तार के मुद्दे को उठाते हुए इसे वापस लेने की मांग की। वहीं, मीडिया से बातचीत में ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने अगले साल पश्चिम बंगाल में होने वाले वैश्विक उद्योग सम्मेलन का उद्घाटन करने के लिए प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया है।