आज लोकसभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, ”परिवार नियोजन का एक नारा था ‘हम दो हमारे दो’। जैसे कोरोना एक अलग रूप में वापस आया, यह नारा एक अलग रूप में वापस आ गया है। देश 4 लोगों द्वारा चलाया जाता है – ‘हम दो हमारे दो’। हर कोई उनके नाम जानता है। किसकी सरकार है, ‘हम दो, हमारे दो’।’
राहुल गांधी ने कहा, ”कल सदन को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि विपक्ष आंदोलन की बात कर रहा है लेकिन कानूनों के बारे में और मंशा के बारे में नहीं बात कर रहा। मुझे लगा कि मुझे आज पीएम को खुश करना चाहिए और कानूनों के कंटेंट और उनकी मंशा पर बात करनी चाहिए।”
राहुल गांधी ने कहा कि पहले कानून का मकसद एक दोस्त को देश की सभी फसलों का अधिकार देना है। किसको होगा नुकसान? ‘ठेलेवालों’ को, छोटे व्यापारी और मंडियों में काम करने वालों को। दूसरे कानून का मकसद दूसरे दोस्त की मदद करना है। वह भारत की 40% फसलों को अपने स्टोरेज में रखेगा।
राहुल ने कहा कि दूसरा कानून कहता है कि बड़े कारोबारी जितना चाहें उतना अनाज, फल और सब्जियां स्टोर कर सकते हैं। वे जितना चाहें उतना होर्डिंग कर सकते हैं। दूसरे कानून का मकसद आवश्यक वस्तु कानून को समाप्त करना है। जिससे देश में असीमित होर्डिंग शुरू की जा सके।
तीसरे कानून का मकसद है कि जब कोई किसान अपनी फसलों की सही कीमत मांगने के लिए भारत के सबसे बड़े व्यापारी के सामने जाएगा तो उसे अदालत में जाने की अनुमति नहीं होगी। कांग्रेस नेता ने कहा, ”पीएम कहते हैं कि उन्होंने विकल्प दिए हैं। हां, आपने 3 विकल्प दिए – भूख, बेरोजगारी और आत्महत्या।”
राहुल गांधी की अपील पर कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके के सांसदों ने विरोध प्रदर्शन में मरने वाले किसानों की मौत पर शोक व्यक्त करने के लिए लोकसभा में मौन भी रखा।
राहुल गांधी की बातों का जवाब देते हुए मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मेरे सामने एक वरिष्ठ सांसद बोल रहे थे, इसलिए मैंने सोचा कि उन्हें इस सदन के नियमों के बारे में मालूम होगा कि यदि किसी मुद्दे पर पहले ही चर्चा हो चुकी है तो उस पर फिर से चर्चा नहीं की जाती है। दूसरी बात, मैं यह समझ सकता हूं कि वह बजट के लिए तैयार नहीं थे।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि वे न तो बजट के दौरान मौजूद थे और न ही उन्हें सदन में रहने की आदत है। कुछ लाग सदन में भी कम रहते हैं और देश में भी कम रहते हैं।