आईआईटी की फीस अब दोगुनी हो गई है। अगले सेशन से छात्रों को सालाना 90 हजार की जगह 2 लाख रुपए जमा कराने होंगे। अगर किसी छात्र के परिवार की आय 5 लाख रुपए सालाना से कम है तो फीस में छूट दी जा सकती है। जानकारी के मुताबिक, स्‍टैंडिंग कमेटी ऑफ आईआईटी काउंसिल ने (SCIC) ने फीस को 90,000 से बढ़ाकर 3 लाख करने का फैसला किया था, लेकिन मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इसे मंजूरी नहीं दी और फीस को 2 लाख रखा।

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यह खबर केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी की ओर से की गई उस घोषणा के बाद आई है, जिसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, दलित और विकलांगों को आईआईटी में मुफ्त में शिक्षा देने की बात कही गई थी। स्मृति ईरानी ने गुजरात के सूरत में बुधवार को भाजपा के स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही थी।

स्मृति ईरानी ने कहा था कि इस कदम से आईआईटी में पढ़ने वाले 60,471 छात्रों में से करीब 50 प्रतिशत को फायदा मिलेगा। मौजूदा समय में आईआईटी में अनुसूचित जाति के लिए 15 प्रतिशत आरक्षण, अनुसूचित जनजाति के लिए 7.5 प्रतिशत आरक्षण और पिछड़े वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है।

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