राष्ट्रीय राजधानी में इस बार दिसंबर में भले ही ठंड कम पड़ी, लेकिन जनवरी माह पिछले 12 वर्षों में सबसे ठंडा रहा। यानी इस पूरे माह का औसत अधिकतम तापमान वर्ष 2012 के बाद से सबसे कम 17.7 डिग्री रहा है। वहीं, न्यूनतम औसत तापमान दूसरा सबसे कम 6.2 डिग्री सेल्सियस रहा। इस दफा सबसे ज्यादा पांच दिन दिल्ली में शीतलहर का असर देखा गया।

भारतीय मौसम विभाग के अधिकारी आरके जेनामणि ने बताया कि 30 जनवरी तक का आकलन करने पर पता चला कि दिल्ली में यह माह पिछले 12 वर्षों में औसतन सबसे ठंडा रहा। जनवरी में अधिकतम तापमान ज्यादातर दिनों में सामान्य से कम रहा। दिल्ली में वर्ष 2012 से 2024 तक इतना कम औसत अधिकतम तापमान कभी नहीं रहा है। वही, न्यूनतम औसत तापमान दूसरा सबसे कम 6.2 डिग्री रहा। इससे पहले वर्ष 2013 की जनवरी में औसत न्यूनतम तापमान 6.1 डिग्री दर्ज किया गया था। इससे पूर्व वर्ष 2015 में अधिकतम औसत तापमान 17.9 डिग्री था, जबकि 2022 में यह 18 डिग्री सेल्सियस था।

राष्ट्रीय राजधानी के कुछ हिस्सों में मंगलवार को कोहरा छाया रहा और न्यूनतम तापमान 11.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वायु गुणवत्ता सूचकांक सुबह नौ बजे 364 (बहुत खराब श्रेणी में) दर्ज किया गया। आज अधिकतम तापमान 20 डिग्री रहने की संभावना मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे सापेक्ष आर्द्रता 100 फीसद दर्ज की गई। बुधवार को यहां अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है। इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी के कुछ हिस्सों में सुबह के वक्त कोहरा छाया रहने का भी अनुमान है।

हिमालयी क्षेत्रों में आज से बारिश व बर्फबारी का दौर

जनसत्ता: देश के पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और इसके मैदानी इलाकों में बुधवार से चार फरवरी तक बारिश व बर्फबारी का नया दौर शुरू हो सकता है। इस दौरान लद्दाख, जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी संभव है। वहीं पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली एनसीआर के कुछ हिस्सों और उत्तरी राजस्थान में हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। दिल्ली एनसीआर सहित समूचे उत्तर भारत में बादलों व कोहरे के बीच न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री का इजाफा हुआ है। भारतीय मौसम विभाग ने यह जानकारी दी।

विभाग ने बताया कि जहां जम्मू कश्मीर में भीषण ठंड की 40 दिन की अवधि ‘चिल्लई कलां’ मंगलवार को बिना भारी बर्फबारी के समाप्त हो गई। वहीं अब नए दौर की बारिश में कमी की कुछ भरपाई होने की उम्मीद है। विभाग ने बताया कि चिल्लई कलां के दौरान कश्मीर के मैदानी इलाकों में कोई बर्फबारी नहीं हुई और घाटी के ऊपरी क्षेत्रों में सामान्य से कम बारिश हुई व बर्फबारी हुई है।

हालांकि 40 दिनों की इस कठोर सर्दी वाली अवधि के आखिरी दिनों में घाटी के ऊपरी इलाकों में हल्की से मध्यम बर्फबारी हुई थी। इस अवधि में घाटी में सर्वाधिक बर्फबारी होने की संभावना रहती है। इस दौरान घाटी में लंबे समय तक शुष्क मौसम बना रहा और मैदानी इलाकों में बर्फबारी नहीं हुई। इस बीच श्रीनगर में न्यूनतम तापमान 0.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो पिछली रात के 3.6 डिग्री सेल्सियस से कम है। पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 3.3 डिग्री सेल्सियस नीचे, काजीगुंड में 0.4 डिग्री सेल्सियस, कोकेरनाग में 0.7 डिग्री सेल्सियस और कुपवाड़ा में 0.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।