LOk Sabha Elections: आठ साल पहले की बात है, जब गुजरात के एक 22 साल के युवा ने राज्य की राजनीति में भूचाल ला दिया था। यह वो दौर था, जब नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने चुके थे। साथ ही गुजरात में भी भाजपा अपने चरम पर थी और राज्य में पाटीदार आरक्षण आंदोलन भी अपने उफान पर था।

इसी दौरान 25 अगस्त, 2015 को अहमदाबाद के जीएमडीसी मैदान में पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति की महाक्रांति रैली में लाखों लोग जुटे थे। इन लोगों की मांग पाटीदारों (पटेलों) को ओबीसी में शामिल करने और आरक्षण देने की थी। इस रैली का नेतृत्व कोई और नहीं, बल्कि युवा नेता हार्दिक पटेल कर रहे थे। जो उस वक्त सिर्फ 22 साल के थे। इस रैली ने हार्दिक पटेल को देश की सुर्खियों में ला दिया।

पाटीदार आरक्षण आंदोलन ने गुजरात की राजनीति में इतना असर डाला कि तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को इस्तीफा तक देना पड़ा। आनंदीबेन पटेल वर्तमान में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल हैं।

पटेलों के आंदोलन के बाद 2017 में गुजरात विधानसभा चुनाव हुए। इस चुनाव में भाजपा 99 सीटों के साथ बहुमत हासिल करने में सफल तो हुई, लेकिन तब तक हार्दिक पटेल राज्य में कांग्रेस का चेहरा बन चुके थे।

एक वक्त ऐसा भी था, जब हार्दिक पटेल को गुजरात कांग्रेस ने अपना कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था। साथ ही 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए एक हेलीकॉप्टर भी दिया था, लेकिन बदलते वक्त के साथ हार्दिक पटेल वर्तमान में भाजपा से विधायक हैं।

लेकिन अब वक्त के हिसाब से हार्दिक पटेल में वो न तो जज्बा दिखता है और न ही 2024 लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने जिन 40 स्टार प्रचारकों की लिस्ट बनाई है। उसमें हार्दिक पटेल की नाम भी शामिल नहीं है।

भाजपा ने अपने 40 स्टार प्रचारकों की लिस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जैसे राष्ट्रीय नेताओं के साथ-साथ कई स्थानीय नेताओं को इस लिस्ट में जगह दी है।

बीजेपी की इस सूची में राज्य के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, सी.आर. पाटिल, विजय रूपाणी, हर्ष सांघवी, नितिन पटेल, कुंवरजी बावलिया और गोरधन झडफिया जैसे नेताओं जगह दी गई है। लिस्ट में हार्दिक पटेल के सहयोगी रहे अल्पेश ठाकोर का भी नाम शामिल है। लेकिन बीजेपी की इस सूची में हार्दिक पटेल का नाम शामिल नहीं है। इसको लेकर गुजरात में काफी चर्चा है।

इस मामले पर भाजपा प्रवक्त प्रवक्ता यज्ञेश दवे ने एक मीडिया वेबासाइट से कहा कि हार्दिक पटेल जब बीजेपी में शामिल हुए थे, तब वह विधायक नहीं थे और अब वह विधायक हैं। बीजेपी का हर विधायक पार्टी का स्टार प्रचारक है। उन्होंने कहा कि फ़िलहाल हार्दिक पटेल सुरेंद्रनगर लोकसभा सीट के लिए अपने विधानसभा क्षेत्र और आसपास के इलाकों में प्रचार कर रहे हैं। इससे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता कि सूची में नाम है या नहीं, वे अभी भी प्रचार कर रहे हैं।

हार्दिक पटेल का कहना है कि स्वाभाविक है कि मैं पहले अपने क्षेत्र में प्रचार करूं और यहां पार्टी को बड़ी जीत दिलाने की कोशिश करूं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात चुनाव के बाद वह मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे अन्य राज्यों में भी प्रचार करने जा सकते हैं, लेकिन उनकी पहली ज़िम्मेदारी गुजरात में अपनी लोकसभा सीट है।

बता दें, पाटीदार आंदोलन के दौरान हार्दिक पटेल अपने भाषण से काफी चर्चा में रहे थे। 2017 के गुजरात विधानसभा चुनावों के दौरान वो काफी सुर्खियों में रहे। उस समय हार्दिक पटेल अपने भाषणों में कहा करते थे कि अगर हम बीजेपी सरकार के खिलाफ आवाज नहीं उठाएंगे तो गुलामी का समय आ जाएगा। हार्दिक अपने भाषणों में लगातार बीजेपी, गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री मोदी पर तीखे जुबानी हमले करते थे। इससे उनकी लोकप्रियता का ग्राफ लगातार ऊपर जा रहा था, लेकिन बदलते वक्त के साथ अब वो उसी पार्टी से विधायक हैं।