गुजरात में मंदिरों में अब दिन में दो बार हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा। साथ ही भगवान की आरती और पाठ सभी को सुनाई दे, इसके लिए लाउडस्पीकर का भी इंतजाम किया जा रहा है। बताया गया है कि इसकी शुरुआत वडोदरा शहर से हो रही है, जहां 108 मंदिरों में लाउडस्पीकर लगाए जाने की पहल हो चुकी है। इस पूरे अभियान की शुरुआत ‘मिशन राम सेतु’ नाम के जिले के एक स्थानीय संगठन ने की है।

गुजरात के स्थानीय अखबार देश गुजरात की रिपोर्ट के मुताबिक, लाउडस्पीकर बांटने का काम सावन महीने के पहले सोमवार से ही शुरू कर दिया गया। मिशन राम सेतु के अध्यक्ष के मुताबिक, लाउडस्पीकरों के जरिए घर बैठे लोग हनुमान चालीसा, आरती और अन्य भक्ति गीत सुन पाएंगे। बता दें कि कोरोना महामारी की वजह से सरकार ने कई जगहों पर एहतियाती प्रतिबंध लगाए हैं। ऐसे में लोगों को मंदिर और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचने को भी कहा गया है। इसी समस्या को देखते हुए संगठन ने यह पहल की है।

बताया गया है कि लाउडस्पीकर वितरण के कार्यक्रम में भाजपा के नेताओं ने भी हिस्सा लिया है। इनमें जिला भाजपा अध्यक्ष विजय शाह, महासचिव सुनील और जसवंत सोलंकी शामिल रहे। इस खबर को विश्व हिंदू परिषद ने भी अपने फेसबुक प्रोफाइल पर साझा दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस संगठन ने पिछले महीने सावन के दौरान भी लाउडस्पीकर लगाकर लोगों के लिए यह सुविधा शुरू की थी।

सोशल मीडिया पर क्या बोले लोग?: इस खबर के सामने आने के बाद जहां कई लोगों ने कोरोनाकाल में इस पहल का समर्थन किया। वहीं, कुछ और लोगों ने इसे सीधा राजनीति करार दे दिया। @SukhRamKashyap9 ने कहा, “दिल प्रसन्न हो गया। पूरे देश में मंदिरों को लाउडस्पीकर दिए जाएं। और मंदिरों को रोज पांच बार अपने इच्छित समय पर हनुमान चालीसा पाठ करने की छूट दी जाए।” एक और यूजर @JaiKalahandi ने कहा, “ये बेहद अच्छी पहल है और इसका पूरे भारत में प्रचार किया जाना चाहिए। इसे कम से कम दिन में पांच बार किया जाना चाहिए।”

हालांकि, कुछ यूजर ऐसे भी रहे, जिन्होंने इस कदम की आलोचना की। गौतम गंगेरा नाम के एक यूजर ने लिखा, “असली राम भक्त बिना लाउडस्पीकर भी बरसों से हनुमान चालीसा और कई सारे स्तोत्र का पाठ किया करते हैं। हमारे भगवान बहरे नहीं हैं। ये भी एक राजनीति ही है।”

एक और यूजर @aryanyogtas ने कहा, “ये बिल्कुल बकवास है। लाउडस्पीकर बड़ी परेशानी हैं। स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक। इन्हें सभी धार्मिक स्थलों और बाकी जगहों से भी प्रतिबंधित कर देना चाहिए।” वहीं नीरज भाट्याल नाम के यूजर ने कहा, “लाउडस्पीकर और बाकी चीजों से फैलने वाले ध्वनि प्रदूषण की चेकिंग होनी चाहिए। कानून को तोड़ने वालों को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की जरूरत है।”