Gujarat, Himachal Pradesh ABP C-Voter Opinion Poll 2022: गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की बयानबाजी जारी है। इस पर कई तरह के आरोप-प्रत्यारोप भी लग रहे हैं। लोगों में भी इस पर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। टीवी चैनलों पर डिबेट में पोलिटिकल पार्टीज के प्रवक्ता एक-दूसरे के बयानों पर लानत-मलानत भी लगातार कर रहे हैं। हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बयान दिया कि डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ‘आज के भगत सिंह’ हैं। इस पर तूफान खड़ा हो गया था। खुद सिसोदिया ने भी कहा था कि वे अपने को भगत सिंह के धूल के बराबर नहीं समझते हैं।
एबीपी-सी वोटर के सर्वे में जब इस सवाल को गुजरात की आम जनता से पूछा गया तो 37 फीसदी लोगों ने कहा कि सिसोदिया को ‘आज का भगत सिंह’ कहना सही है, जबकि 63 फीसदी लोगों की राय थी कि यह गलत है। यानी 37 फीसदी लोगों का मानना है कि आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने ऐसा कहकर सही किया है, जबकि 63 फीसदी लोगों ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने यह बयान देकर भूल कर दी। जनता का मानना है कि भगत सिंह बहुत बड़े महापुरुष हैं, और सिसोदिया को भगत सिंह बताना भगत सिंह का अपमान करना होगा।
राजनीतिक विश्लेषक ने कहा- यह राजनीतिक स्टेटमेंट है
एबीपी न्यूज चैनल पर इस मुद्दे पर डिबेट के दौरान एंकर शीरीन ने जब यह सवाल रखा तो राजनीतिक विश्लेषक पीयूष जोशी ने कहा, “मनीष सिसोदिया को भगत सिंह से तुलना करना केवल एक राजनीतिक स्टेटमेंट है। आम आदमी पार्टी इस बयान से सिर्फ यह बताना चाहती है कि मनीष सिसोदिया ने दिल्ली में जो एजूकेशन मॉडल लाया है, वह एक ऐसा कार्य है जो बहुत ही अच्छा है और उस मॉडल से अच्छे बच्चे निकलेंगे। यानी मनीष सिसोदिया ने भगत सिंह जैसा क्रांतिकारी कार्य किया है।”
दूसरी तरफ भाजपा के प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने इस मुद्दे पर कहा, “मनीष सिसोदिया ने एजूकेशन मॉडल लाने के बाद शराब माडल ला दिया। केजरीवाल के बयान से सबसे ज्यादा फायदा भ्रष्टाचार विरोधी अभियान को हो रहा है। पीएम मोदी का शुरू से मत रहा है कि करप्शन पर जीरो टालरेंस पालिसी होनी चाहिए। जिस तरह के सबूत सीबीआई ने जुटाए हैं और स्टिंग आपरेशन से आए हैं, उससे साबित हुआ है कि अरविंद केजरीवाल और उनकी टीम ने पाठशाला की जगह मधुशाला खोलकर भयंकर भ्रष्टाचार किया है।”
कहा- भगत सिंह जैसे क्रांतिवीर से तुलना करना बिल्कुल गलत है
उन्होंने कहा, “मधुशाला में उन्होंने छह फीसदी कमीशन लेकर बड़ा भ्रष्टाचार किया है। ऐसे में उनकी तुलना भगत सिंह जैसे महापुरुष से करना कैसे सही होगा। भगत सिंह जैसे क्रांतिवीर और देशभक्त महापुरुष को भ्रष्ट आचरण और विचार से जोड़ना बिल्कुल गलत है।”