Ghulam Nabi Azad Quits Congress: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। गुलाम नबी आजाद ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से लेकर सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। आजाद ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पांच पेज का इस्तीफा भेजा है।
सोनिया गांधी को भेजे गए इस्तीफे में गुलाम नबी आजाद ने लिखा, “बड़े अफसोस और बेहद भावुक दिल के साथ मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अपना आधा सदी पुराना नाता तोड़ने का फैसला किया है।” अपने इस्तीफे में उन्होंने आगे लिखा, “दुर्भाग्य से राहुल गांधी के राजनीति में प्रवेश के बाद और खासतौर पर जनवरी 2013 के बाद जब आपने उन्हें वाइस प्रेसिडेंट नियुक्त किया, तो उन्होंने पहले से मौजूद पूरे परामर्श तंत्र को ध्वस्त कर दिया था।”
सोनिया गांधी सिर्फ बेटे को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहीं- बोले हेमंत बिस्वा शर्मा
गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद ना सिर्फ कांग्रेस के मौजूदा नेता बल्कि पूर्व नेता भी सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर हमलावर हैं। असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा ने कहा कि सोनिया गांधी ने सिर्फ बेटे को आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा, “गुलाम नबी आजाद का पत्र और 2015 में मेरे द्वारा लिखे गए पत्र को अगर आप पढ़ेंगे तो आपको काफी समानताएं मिलेंगी। कांग्रेस में सभी जानते हैं कि राहुल गांधी अपरिपक्व नेता हैं। सोनिया गांधी पार्टी की देखभाल नहीं कर रही हैं, वह केवल अपने बेटे को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही हैं। यह नाकाम कोशिश है।”
हेमंत बिस्वा शर्मा ने कहा, “इसका नतीजा यह है कि पार्टी के प्रति वफादार लोग इसे छोड़ रहे हैं। मैंने भविष्यवाणी की थी कि कांग्रेस के लिए एक समय आएगा जब केवल गांधी परिवार पार्टी में रहेंगे और यह हो रहा है। राहुल गांधी वास्तव में भाजपा के लिए वरदान हैं। जब लोग राहुल गांधी से हमारे नेताओं की तुलना करते हैं तो वैसे ही हम आगे हो जाते हैं।”
पूर्व कांग्रेस नेता अश्विनी कुमार बोले- पार्टी बदलना नहीं चाहती
पूर्व कांग्रेस नेता अश्विनी कुमार ने गुलाम नबी के इस्तीफे पर कहा, “उनका इस्तीफा दुर्भाग्यपूर्ण है। यह कांग्रेस पार्टी और देश के लोकतंत्र के लिए एक दुखद दिन है। इसके बावजूद, पार्टी बदलने से इनकार करती है और इसीलिए आप वरिष्ठ नेताओं को जाते हुए देख रहे हैं क्योंकि वे अलग-थलग और अपमानित महसूस करते हैं।”
उम्मीद नहीं थी कि वह ऐसी चिट्ठी लिखेंगे- अशोक गहलोत बोले
वहीं, गुलाम नबी आजाद के इस्तीफा देने पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, “जो टिप्पणियां की गई हैं वो सही नहीं है। मैं खुद सदमे में हूं कि एक 42 साल का व्यक्ति जिसे जिंदगी में सब कुछ मिला हो वो आज ऐसे संदेश दे रहें जो मेरे समझ के परे हैं।” गहलोत ने आगे कहा, “उनके इस्तीफे के बारे में मैं जो महसूस करता हूं उसे व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। उन्होंने पार्टी में कई पदों पर कार्य किया। किसी को उम्मीद नहीं थी कि वह ऐसा पत्र लिखेंगे। इससे पहले उन्होंने सोनिया गांधी को पत्र लिखा था जब वह मेडिकल चेकअप के लिए अमेरिका गई थीं।”
‘दरबारी कल्चर’ से हर कोई निराश- जयवीर शेरगिल
हाल ही में कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद कहा, “कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। एक वरिष्ठ नेता भी पार्टी के निजी सचिवों और सुरक्षा गार्डों का क्लब बनने की बात कर रहे हैं। इससे पता चलता है कि हर उम्र के नेता निराश हैं और कांग्रेस में फल-फूल रही इस ‘दरबारी कल्चर’ से हर कोई निराश है।”
शेरगिल ने आगे कहा, “दरअसल, यह दल कांग्रेस के भीतर ‘कांग्रेस तोडो अभियान’ पर काम कर रहा है और सभी नेक नेताओं को बाहर कर रहा है। इस ‘दरबारी’ संस्कृति से परेशान हज़ारों नेकदिल कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की भावनाओं को यह पत्र ज़ोर-शोर से बयान करता है।”
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि हम निरंतर कमजोर होते जा रहे
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने अपने बयान में कहा, “ज़ाहिर है कि वे बहुत आहत हुए होंगे। यह स्थिति आने से बचाई जा सकती थी और यह बात समय-समय पर बताई भी गई। हम निरंतर कमजोर होते जा रहे हैं। हमारा यही लक्ष्य रहा है कि राय मशवरा करके उसको हम सुधार सकें।”
कांग्रेस अब डूबता हुआ जहाज- जयराम ठाकुर
गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे पर हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर ने कहा, “उन्होंने आज कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दिया है। इससे मालूम होता है कि कांग्रेस अब डूबता हुआ जहाज है। उनका कहना है कि अनुभवहीन लोग राहुल गांधी और सोनिया गांधी के करीब हैं जो उनको गुमराह करते हैं।”
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने लिखा गुलाम नबी को पत्र
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने उनके इस्तीफे के बाद गुलाम नबी आजाद को एक पत्र लिखकर कहा, “हमने सुधार का झंडा उठाया था, बगावत का झंडा नहीं। आपका पार्टी के अंदर रहना जरूरी था। गुलाम नबी आजाद के बिना कांग्रेस बहुत कमजोर होगी, लेकिन वह आजाद जिसने G-23 को पत्र लिखा था, वह नहीं जिसने यह इस्तीफा लिखा।”
सम्मान और प्यार नहीं मिल रहा होगा- फारूक अब्दुल्ला
गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे पर नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “उनको वह सम्मान और प्यार नहीं मिल रहा होगा, जो पहले उन पर बरसा था। 32 नेताओं ने पत्र लिखे तो कांग्रेस हैरान रह गई। लेकिन ऐसा पहले भी हुआ है, पर कांग्रेस ने मजबूत वापसी की है। देश को मजबूत विपक्ष की जरूरत है।”
नुकसान केवल आजाद के लिए- बोले कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद
आजाद के इस्तीफे पर कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद ने कहा, “उनके जैसे आदमी को इस महत्वपूर्ण मोड़ पर पार्टी नहीं छोड़नी चाहिए थी। इससे पता चलता है कि वह वापस लड़ने को तैयार नहीं है। राहुल गांधी को दोष देना सही नहीं है। वह सत्ता में रहना चाहता था। नुकसान केवल आजाद के लिए है, कांग्रेस के लिए नहीं।”