भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने आज मीडिया के सामने एक व्यक्ति को थप्पड़ जड़ दिया। इसके बाद वहां मौजूद लोग ‘बीजेपी का है’ कहकर चिल्लाने लगे। बता दें कि केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को आज पुलिस ने गाजीपुर सीमा पर बंद कर दिया। उत्तर प्रदेश प्रशासन ने गणतंत्र दिवस ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा की घटना के दो दिन बाद ये कार्रवाई करने का फैसला किया।
गाजियाबाद प्रशासन ने किसानों को अपना विरोध खत्म करने और आज रात तक सड़क खाली करने को कहा है। लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत ने जगह खाली करने से इनकार कर दिया और कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वे “गोलियों का सामना करने के लिए तैयार” हैं। इस बीच टिकरी और सिंघू बॉर्डर पर भी भारी सुरक्षा देखी गई। पुलिस ने जेसीबी मशीनों का इस्तेमाल कर सड़कें खोद दी हैं।
राकेश टिकैत ने संवाददाताओं से कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने शांतिपूर्ण तरीके से बैठने को उचित ठहराया है।” उन्होंने कहा, “गाजीपुर सीमा पर कोई हिंसा नहीं हुई है। इसके बावजूद सरकार दमनकारी नीति अपना रही है। उत्तर प्रदेश सरकार का चेहरा सामने आ चुका है।”
इलाके में भारी पुलिस तैनाती की गई है और रैपिड एक्शन फोर्स को बुलाया गया है। प्रशासन ने किसानों को बिजली और पानी की आपूर्ति काट दी है। इससे पहले मंगलवार को, किसानों ने बैरिकेड्स तोड़ दिए थे और अपनी ट्रैक्टर रैली निकाली थी।
#WATCH: Bharatiya Kisan Union spokesperson Rakesh Tikait slaps a person at Ghazipur border (Delhi-Uttar Pradesh). pic.twitter.com/fhRSbdlhgY
— ANI (@ANI) January 28, 2021
वहीं, सिंघू बॉर्डर पर भारी सुरक्षा तैनात की गई है। लेकिन भारी पुलिस बल के बावजूद कुछ लोग सुरक्षा घेरा तोड़ने में कामयाब रहे और किसानों को हटाने की मांग करने लगे। उन्होंने कहा, “हम मांग करते हैं कि किसान इस जगह को खाली कर दें। उन्होंने लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया। इस विरोध के कारण हमें असुविधा हो रही है।”
संयुक्त किसान मोर्चे ने एक बयान में कहा कि किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए सरकार का प्रयास जारी है। सरकार की घबराहट इस बात से साफ है कि वह सभी सीमाओं पर सुरक्षा बलों को कैसे तैनात कर रही है। सरकार इस आंदोलन को बार-बार ‘हिंसक’ दिखाना चाहती है।