दिल्ली की एक अदालत ने केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ गणतंत्र दिवस पर किसानों की ‘ट्रैक्टर परेड’ के दौरान लाल किला हिंसा की घटना के सिलसिले में अभिनेता-कार्यकर्ता दीप सिद्धू को मंगलवार को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रिया गुप्ता ने यह आदेश जारी किया। इससे पहले, पुलिस ने आरोप लगाया कि सिद्धू लाल किले पर हुई हिंसा की घटनाओं को भड़काने वाला मुख्य आरोपी है।
हालांकि, सिद्धू के वकील ने दावा किया कि उसका हिंसा की घटना से कोई लेना-देना नहीं है और वह गलत समय पर गलत जगह पर था। पुलिस ने सिद्धू की गिरफ्तारी में मदद करने वाली कोई भी सूचना देने पर एक लाख रुपये के नकद इनाम की घोषणा कर रखी थी। गौरतलब है कि 26 जनवरी को हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी किसान अवरोधकों को तोड़ कर राष्ट्रीय राजधानी में दाखिल हो गये थे और आईटीओ सहित अन्य स्थानों पर उनकी पुलिस कर्मियों से झड़पें हुई थीं।
सिंघु और टिकरी बार्डर स्थित आंदोलन स्थल पर हरियाणा के दो किसानों की मौत हो गई। पुलिस ने मंगलवार को बताया कि सिंघु बॉर्डर पर हरिंदर (50) की मौत संभवत: दिल का दौरा पड़ने से हुई है, जबकि टीकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन में स्वयंसेवक के तौर पर कार्य कर रहे दीपक (28) की ट्रैक्टर-ट्रॉली से गिरने के कारण सिर में लगी गहरी चोट से मौत हो गई। सोनीपत पुलिस ने बताया कि पानीपत के सिवान गांव के रहने वाले हरिंदर सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन स्थल पर सुबह बेहोशी की हालत में मिले।
उन्होंने कहा, ‘‘वह मृत अवस्था में मिले। संदेह है कि उनकी मृत्यु दिल का दौरा पड़ने से हुई है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के वास्तविक कारण का पता चलेगा।’’ उधर, पुलिस ने बताया कि टीकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन में स्वयंसेवक के तौर पर काम कर रहा दीपक हरियाणा के रोहतक जिले का निवासी था। पुलिस के अनसार ट्रैक्टर-ट्राली से गिरने की वजह से सिर में आई गंभीर चोट से उसकी मौत हो गई। झज्जर जिले के असोदा थाने के एसएचओ कुलदीप सिंह ने बताया कि दीपक को पीजीआईएमएस रोहतक में भर्ती कराया गया था, सोमवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि दीपक पांच फरवरी को बहादुरगढ़ बाईपास के पास हासदे का शिकार हुआ।
चक्का जाम की सफलता से उत्साहित किसान अपनी मांगों पर दबाव डालने के लिए सरकार के खिलाफ फिर से प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। चक्काजाम की तर्ज पर किसान एक दिन का देशव्यापी आंदोलन फिर से कर सकते हैं। उधर, दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में ट्वीट को लेकर कांग्रेस नेता शशि थरूर और पत्रकारों पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने इनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने आप सांसद संजय सिंह को फटकार लगाई और कहा कि आप धर्म और जाति के आधार पर समाज का बंटवारा नहीं कर सकते।
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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्य में किसानों के खुश होने का दावा करते हुए मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन के नेताओं राकेश टिकैत और गुरनाम सिंह चढूनी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि कुछ ‘‘हताश’’ नेता किसानों का इस्तेमाल अपने हित साधने के लिए कर रहे हैं। दिल्ली में 26 जनवरी को हिंसा के बाद किसान आंदोलन अपनी गति खोने लगा था, लेकिन उत्तर प्रदेश से बीकेयू नेता टिकैत की भावनात्मक अपील से प्रदर्शन में नयी जान आ गई थी। टिकैत ने पिछले एक हफ्ते में हरियाणा में कई किसान महापंचायतों को संबोधित किया है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रधानमंत्री के आंदोलनजीवी वाले बयान की निंदा की। किसान नेताओं ने कहा कि किसान प्रधानमंत्री को याद दिलाना चाहेंगे कि वे आन्दोलनजीवी ही थे जिन्होंने भारत को औपनिवेशिक शासकों से मुक्त करवाया था और इसीलिए हमें आंदोलनजीवी होने पर गर्व भी है। यह भाजपा और उसके पूर्वज ही है जिन्होंने कभी भी अंग्रेजों के खिलाफ कोई आंदोलन नहीं किया। वे हमेशा जन आंदोलनों के खिलाफ थे इसलिए वे अभी भी जन आंदोलनों से डरते हैं।
दिल्ली की सीमाओं से अब अतिरिक्त पुलिस बल को हटाया जा रहा है। अब इन्हें अपने-अपने ज़िले में भेज दिया जाएगा। दरअसल चक्का जाम और तेज विरोध प्रदर्शन के चलते सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई थी। सीमा पर किसान अब भी जमे हुए हैं। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर सरकार बात नहीं मानती तो आंदोलन अक्टूबर तक जारी रहेगा। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दीप सिद्धू को भी गिरफ्तार कर लिया है।
यूपी के बागपत पंचायत में शामिल हुए रालोद के जिलाध्यक्ष सुखवीर सिंह गठीना ने मंगलवार को बताया कि गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुई हिंसा के बाद रालोद के पूर्व विधायक वीरपाल राठी सहित नौ लोगों को दिल्ली पुलिस ने नोटिस भेजा है। इसके विरोध में सोमवार को रालोद कार्यालय पर कार्यकर्ताओं और किसानों की पंचायत हुई एवं दिल्ली पुलिस के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया गया।
दिल्ली की सीमाओं से अब अतिरिक्त पुलिस बल को हटाया जा रहा है। अब इन्हें अपने-अपने ज़िले में भेज दिया जाएगा। दरअसल चक्का जाम और तेज विरोध प्रदर्शन के चलते सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई थी।
गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुई हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस द्वारा राष्ट्रीय लोकदल के नेताओं समेत नौ लोगों को नोटिस भेजने के विरोध में यहां रालोद कार्यालय पर कार्यकर्ताओं और किसानों की हुई पंचायत में दिल्ली पुलिस के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया गया। तय किया गया कि किसान फिर महापंचायत करेंगे।
दीप सिद्धू की गिरफ्तारी के बाद किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने कहा कि सरकार पहले इस मामले में कुछ लोगों पर नरमी बरती थी। उन्होंने कहा, कुछ लोगों को लालकिला जाने दिया गया। दीप सिद्धू उनमें से एक था।
कृषि कानूनों को वापस करवाने की मांग लेकर किसान एक बार फिर हूंकार भरने की तैयारी कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक किसान जल्द बैठक करके एक बार फिर देशव्यापी आंदोलन की घोषणा कर सकते हैं। इस बार के प्रदर्शन में उत्तर प्रदेश के किसान भी हिस्सा ले सकते हैं।
दो महीने से ज्यादा से चल रहे किसान आंदोलन की वजह से कृषि उपकरणों का बाजार भी जोर नहीं पकड़ रहा है। इससे पहले कोरोना चलते बाजार प्रभावित था। लगातार 11 महीने से इस सेक्टर में मंदी छाई हुई है। बताया जा रहा है कि 26 जनवरी की घटना के बाद बाहर के व्यापारियों का विश्वास कम हो गया है।
किसान धरनास्थल पर जमे हुए हैं। यहां उनके खाने पीने का इंतजाम भी किसान ही कर रहे हैं। गांवों से सुबह ही दूध आ जाता है। इसके लिए गांवों में एक लीटर-दो लीटर दूध का योगदान लिया जाता है। सुबह 4 बजे से ही धरनास्थल पर दूध पहुंचने लगता है।
मिया खलीफा ने एक ट्वीट में कहा है कि जब तक पैसे नहीं मिल जाते वह ट्वीट करना जारी ऱखेंगी। दरअसल सोशल मीडिया पर लोग उनपर पेड ट्वीट को लेकर सवाल उठा रहे थे। अमेरिका की ऐक्ट्रेस अमांडा सर्नी ने भी कहा, मुझे पैसे कब मिलेंगे?
दिल्ली हिंसा के बाद शशि थरूर और राजदीप सरदेसाई समेत कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की और गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। आरोप है कि उन्होंने ऐसी तस्वीरें पोस्ट की जिससे की लोग भड़क गए।
किसान आंदोलन को लेकर अमेरिकी ऐक्ट्रेस मिया खलीफा ने फिर ट्वीट किए और इसका समर्थन किया। सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल कर रहे हैं लेकिन वह लगातार सबको जवाब दे रही हैं। उन्होंने कहा, कोई ऐसे दावा कैसे कर सकता है कि जो लोग आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं उनको पैसे दिए गए हैं।
दीप सिद्धू की गिरफ्तारी को लेकर विपक्ष लगातार सवाल कर रहा था। उसके फेसबुक आकाउंट से लगातार वीडियो भी अपलोड किए जा रहे थे। दिल्ली पुलिस के सूत्रों का कहना था कि वह अपनी गर्लफ्रेंड से वीडियो पोस्ट करवाता था जो कि कनाडा में रहती है। बता दें कि किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में जमकर प्रदर्श हुआ था और इसमें 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए थे। वहीं एक किसान की जान भी चली गई थी। अब आरोपियों की गिरफ्तारी की जा रही है।
गणतंत्र दिवस के मौके पर हुई हिंसा और लालकिले पर धार्मिक झंडा फहराने के मामले में मुख्य आरोपी दीप सिद्धू को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर लिया है।
75 पूर्व अधिकारियों ने किसान आंदोलन को लेकर सरकार पर निशाना साधा था। अब रिटायर्ड नौकरशाहों के एक दूसरे ग्रुप ने उन्हों मसखरों की टोली बता दिया है। उनका कहना है कि 18 महीने कानूनों को निलंबित करने के अलावा एमएसपी की कानूनी गारंटी दे दी जाए।
इनेलो के प्रधान महासचिव अभय चौटाला ने कहा है कि किसान आंदोलन को लेकर पीएम मोदी की नीयत में खोंट है। उन्होंने कहा कि वह आंदोलन को लंबा खिंचवाकर इसे तोड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि , कृषि कानून लागू होने के बाद देश में पूंजीपतियाों का राज हो जाएगा।
26 जनवरी की हिंसा पर ऐंकर ने पूछा, ऐसा लग रहा था कि आंदोलन खत्म हो रहा है। शाम होते- होते आपके आंसू आ गए। इतना मजबूत आदमी रोता क्यों है? टिकैत ने कहा, जब 3-4 लाख ट्रैक्टर वापस गए तो अफवाह उड़ी की आंदोलन खत्म हो रहा है। पुलिस के लाठी चलाने से फर्क नहीं पड़ता है। किसान के पीछे गुंडे, फिर पुलिस और फिर बैरिकेडिंग। तो क्या गुंडों से आंदोलन खत्म करवाया जाएगा? राकेश टिकैत ने कहा, ये मेरे नहीं, किसान के आंसू थे। अवस्थी ने कहा, आपके आंसुओं ने आपको बड़ा बना दिया। जवाब मिला- अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कई विदेशी सिलेब्रिटी किसान आंदोलन के समर्थन में उतर आए तो वहीं अमेरिका में फुटबॉल सुपर बाउल लीग के दौरान भी किसान आंदोलन से जुड़ा एक ऐड चलाया गया। यह ऐड 40 सेकंड का था। इसमें भारत सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की गई।
किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि किसानों ने कब कहा कि एमएसपी खत्म हो रही है? हमने कहा कि एमएसपी पर एक कानून बनाया जाए। अगर ऐसा कानून बनता है तो देश के सभी किसानों को फायदा होगा। अभी, एमएसपी पर कोई कानून नहीं है और किसानों को व्यापारियों द्वारा लूटा जाता है। टिकैत का बयान ऐसे समय में आया है जब पीएम मोदी ने आज राज्यसभा में कहा कि एमएसपी थी , एमएसपी है और एमएसपी रहेगी।
किसान नेता राकेश टिकैत ने पीएम मोदी के एमएसपी वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा "प्रधानमंत्री ने आज कहा कि MSP थी, MSP है और MSP रहेगी लेकिन उन्होंने यह नहीं कहा कि MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर कानून बनेगा।" देश भरोसे पर नहीं चलता देश संविधान और कानून से चलता है।
कांग्रेस ने सोमवार को सरकार पर किसानों के खिलाफ जंग छेड़ने का आरोप लगाया, साथ ही बालाकोट एयर स्ट्राइक से पहले कथित तौर पर जानकारी लीक किये जाने और गणतंत्र दिवस पर कुछ उपद्रवी तत्वों के लाल किले में घुसने एवं धार्मिक ध्वज लगाने से जुड़े घटनाक्रम की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग की।
पीएम मोदी ने किसानों से आंदोलन खत्म कर बातचीत की अपील की। उन्होंने संसद से किसानों को निमंत्रण देते हुए कहा कि किसान और सरकार मिल-बैठकर इस मसले का हल निकालेंगे। पीएम की इस अपील के बाद सिंघु बॉर्डर पर धरना दे रहे किसान नेता सतनाम सिंह साहनी ने कहा कि वे लोग प्रधानमंत्री की बात मानने को तैयार हैं लेकिन वह भी उनकी बात मानें।
हम आधे घंटे में लौट जाएंगे।
पीएम मोदी ने कहा, 'ये देश हर सिख पर गर्व करता है। उन्होंने देश के लिए क्या कुछ नहीं किया। उनका जितना हम आदर करें, वो कम होगा। जो लोग उनको गुमराह करने की कोशिश करते हैं, उससे देश का कभी भला नहीं होगा।' इस दौरान प्रधानमंत्री ने किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज्यसभा में वक्तव्य देने के बाद सोमवार को उन पर किसानों एवं देश के लोगों के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया और कहा कि उन्होंने सिर्फ ‘राजनीतिक तकरीर' की लेकिन समस्या के समाधान को लेकर कोई बात नहीं की। पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री ने तीनों नए कृषि कानूनों को लेकर उठाए गए मुद्दों पर बात करने की बजाय, बिना तथ्य के बातें कर सदन को गुमराह करने का प्रयास किया।
पीएम ने कहा, 'वार्ता का रास्ता हमेशा खुला है, कोई कमी है तो दूर करेंगे, कोई ढिलाई है तो ठीक करेंगे, राज्यसभा में प्रधानमंत्री ने फिर किसानों से अपील की कि वे हड़ताल ख़त्म कर दें। ' उन्होंने कहा, "हम सब मिल बैठकर बात करने को तैयार हैं मैं आज सदन से भी निमंत्रण देता हूं। न्यूनतम समर्थन मूल्य था, है और रहेगा।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, प्रारंभ से यह बताया जा रहा है कि कभी भी न्यूनतम समर्थन मूल्य समाप्त नहीं होगा बल्कि किसानों को यह आजादी होगी कि वे जहां चाहें अपना अनाज बेच सकते हैं। यह किसानों के हित में है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री मोदी के राज्यसभा में दिए गए संबोधन के बाद कहा कि प्रारंभ से बताया जा रहा है कि कभी भी MSP समाप्त नहीं होगी। बल्कि किसानों को आज़ादी दी गई कि वो जहां चाहे अपने अनाज को बेच सकते हैं। लेकिन कुछ राज्यों में जो पहले की परंपरा है उसको लेकर भ्रम है इसके लिए बातचीत होती है,हमें लगता है कि कभी न कभी बातचीत से लोग संतुष्ट होंगे।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि MSP पर क़ानून बने फिर यह किसानों के लिए फायदेमंद होगा। देश में भूख से व्यापार करने वालों को बाहर निकाला जाएगा। देश में अनाज की कीमत भूख से तय नहीं होगी। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को अपील करनी चाहिए कि विधायक और सांसद अपनी पेंशन छोड़े उसके लिए यह मोर्चा धन्यवाद करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज किसानों से अपील की कि वे आंदोलन कर बातचीत के लिए आएं। आंदोलन स्थल पर बैठे बुजुर्ग घरों को लौट जाएंगे। सोमवार को राज्यसभा में अपने भाषण के दौरान मोदी ने यह भी कहा कि आंदोलनजीवी परिजीवी होते हैं। उनके मुताबिक, "पीएम किसान सम्मान निधि योजना से सीधे किसान के खाते में मदद पहुंच रही है। 10 करोड़ ऐसे किसान परिवार हैं जिनको इसका लाभ मिल गया। अगर बंगाल में राजनीति आड़े नहीं आती, तो ये आंकड़ा उससे भी ज्यादा होता। अब तक 1 लाख 15 हज़ार करोड़ रुपये किसान के खाते में भेजे गये है।"
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के प्रति सरकार की नीयत और नीतियों का स्पष्ट वर्णन कर उनकी आय को दोगुना करने के संकल्प को दर्शाया है। मैं मोदी जी के शब्दों को दोहराते हुए कहता हूँ कि देश की प्रगति के लिए सभी को समस्या का हिस्सा बनने की बजाए समाधान का माध्यम बनना होगा।
भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि आदरणीय मोदी जी ने बहुत स्पष्ट रूप से कहा कि हमारी सरकार किसानों के हित के लिए हर ज़रूरी कदम उठा रही है और हमारे लिए सिर्फ़ और सिर्फ़ किसान कल्याण ही प्राथमिकता है। मोदी जी, वर्षों से नज़रअन्दाज़ किए जा रहे छोटे किसानों के विकास के लिए मूलभूत परिवर्तन कर रहे है।
कुछ लोग खासकर पंजाब के सिख भाईयों के दिमाग में गलत चीजें भरने में लगे हैं। ये देश हर सिख पर गर्व करता है। उन्होंने देश के लिए क्या कुछ नहीं किया। उनका जितना हम आदर करें, वो कम होगा। जो लोग उनको गुमराह करने की कोशिश करते हैं, उससे देश का कभी भला नहीं होगा।
प्रधानमंत्री बोले- मैं देख रहा हूं कि पिछले कुछ समय से इस देश में एक नई जमात पैदा हुई है 'आंदोलनजीवी'। वकील, छात्रों, मजदूरों के आंदोलन में ये लोग नज़र आते हैं। ये पूरी एक टोली है जो आंदोलन के बिना जी नहीं सकते हैं और आंदोलन से जीने के लिए रास्ते खोजते रहते हैं।
पीएम मोदी ने कहा, "मनमोहन सिंह जी ने किसान को उपज बेचने की आज़ादी दिलाने, भारत को एक कृषि बाज़ार दिलाने के संबंध में अपना इरादा व्यक्त किया था और वो काम हम कर रहे हैं। आप लोगों को गर्व होना चाहिए कि देखिए मनमोहन सिंह जी ने कहा था वो मोदी को करना पड़ रहा है। जो लोग उछल-उछल कर राजनीतिक बयानबाज़ी करते हैं, उनके राज्य में जब उनको मौका उन्होंने इसमें से आधा-अधूरा कुछ न कुछ किया है।
पीएम मोदी ने कहा कि बकौल पीएम, "शरद पवार, कांग्रेस और हर सरकार ने कृषि सुधारों की वकालत की है कोई पीछे नहीं है। मैं हैरान हूं अचानक यूटर्न ले लिया। आप आंदोलन के मुद्दों को लेकर इस सरकार को घेर लेते लेकिन साथ-साथ किसानों को कहते कि बदलाव बहुत जरूरी है तो देश आगे बढ़ता।
भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत ने कहा कि हमने कब कहा कि एमएसपी खत्म हो रही है? हमने कहा कि एमएसपी पर एक कानून बनाया जाए। अगर ऐसा कानून बनता है तो देश के सभी किसानों को फायदा होगा। अभी एमएसपी पर कोई कानून नहीं है और किसानों को व्यापारी लूटते हैं।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद देते हुए पीएम ने कहा एमएसपी था, एमएसपी है और एमएसपी रहेगा।