कृषि कानूनों को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान नेताओं पर तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि किसान यूनियन के नेता अपने मामलों में निर्णय नहीं कर पा रहे हैं। पर वे दुनिया की ठेकेदारी लेने की कोशिश कर रहे हैं।
तोमर ने इस दौरान पुनः बातचीत के जरिए मसला हल करने की बात पर बल दिया। मध्य प्रदेश के मुरैना में उन्होंने पत्रकारों से कहा, “किसान यूनियन के नेता अपने मामले में तो निर्णय कर नहीं पा रहे हैं। वे दुनिया की ठेकेदारी की कोशिश कर रहे हैं। किसान हैं, तो किसानों की बात पर चर्चा करें। सरकार तैयार है। बातचीत से सबका फायदा होगा। बाकी, पत्थर पर सिर मारने से कोई फायदा नहीं है।”
बीजेपी हुई किसान नेताओं पर हमलावरः इसी बीच, केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि किसानों के कांधे पर रखकर बंदूक चलाई जा रही है। वहीं, BJP नेता हरनाथ सिंह यादव बोले हैं कि टिकैत का किसान विरोधी चेहरा बेनकाब हो गया। साफ हो गया है कि यह कृषि आंदोलन नहीं बल्कि, सीधे तौर पर मोदी हटाओ आंदोलन चल रहा है। उन्हें छोटा और मध्यम वर्गीय किसान अहमियत नहीं देता है।
‘गुजरात बंधन में, आजाद कराना है’: टिकैत का कहना था कि सरकार दिल्ली में नहीं है। वह चुनावी राज्यों में हैं, इसलिए किसान भी वहीं जाएगा और किसानों को जागरूक करेगा। रविवार को मध्य प्रदेश के रीवा में उन्होंने आरोप लगाया, “केंद्र सरकार को कोई राजनीतिक पार्टी नहीं, बल्कि व्यापारी चला रहे हैं। ये लुटेरे देश में (सत्ता) आ गए हैं। हमें इन लुटेरों से लड़ना होगा। वह लुटेरों का आखिरी बादशाह साबित होगा। हम इस बादशाह को बदलने जा रहे हैं।” हालांकि, अपनी टिप्पणी में उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया। बकौल टिकैत, ‘‘आंदोलन से हटना है तो माफी नामा भर देना। देश बंधन में है, गुजरात बंधन में है। इसे आजाद कराना है।’’
दिसंबर तक चलेगा किसान आंदोलन- टिकैतः इससे पहले, यूपी के प्रयागराज में बीकेयू नेता ने रविवार को कहा था, “नवंबर-दिसंबर तक इस आंदोलन के चलने की उम्मीद है।” बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव के पूर्व अपने बंगाल दौरे के बारे में टिकैत ने बताया, “दिल्ली से सरकार के लोग पश्चिम बंगाल में किसानों से एक मुट्ठी अनाज मांग रहे हैं। हमने किसानों से कहा कि जब वे चावल दें तो अनाज मांगने वालों से कहें कि वे इस पर एमएसपी भी तय करवा दें और 1850 रुपये का भाव दिला दें।”
बंगाल के अलावा और कहां-कहां का है किसानों का प्लान?: उन्होंने कहा, “कल हम बंगाल में थे.. पूरे देश में जा रहे हैं। हम किसानों से एमएसपी का कानून बनवाने की मांग करने के लिए कह रहे हैं। अभी बिहार में धान 700-900 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीदा गया। हमारी मांग है कि एमएसपी का कानून बने और इससे नीचे पर खरीद ना हो।” टिकैत ने कहा, “हम दिल्ली में ही रहेंगे.. पूरे देश में हमारी बैठकें चल रही हैं। हम 14-15 मार्च को मध्य प्रदेश में रहेंगे फिर 17 मार्च को गंगानगर में और 18 तारीख को फिर गाजीपुर बार्डर चले जाएंगे। इसके बाद 19 को ओड़िशा में रहेंगे और 21-22 को कर्नाटक में रहेंगे।” (भाषा इनपुट्स के साथ)