केंद्र सरकार द्वारा पारित किये गए कृषि कानूनों के खिलाफ शनिवार को किसानों ने देशभर में चक्का जाम किया। हालाँकि अभी तक दोबारा से सरकार की तरफ बातचीत के लिए किसान नेताओं को बुलावा नहीं भेजा गया है। थोड़े दिनों पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि वे और उनकी सरकार किसानों से सिर्फ एक कॉल की दूरी पर हैं। इसको लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कृषि मंत्री का नंबर बता दो हम बात कर लेंगे। हालाँकि लोजपा नेता एल के वाजपेयी ने नंबर को लेकर कहा कि नंबर की कोई जरुरत ही नहीं है।
दरअसल बीते दिनों बजट सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि उनकी सरकार किसानों से एक कॉल की दूरी पर है। जिसके बाद आज किसान नेता राकेश टिकैत ने चक्का जाम के बाद न्यूज 24 संवाददाता राजीव रंजन से बातचीत करते हुए कहा कि कौन सा नंबर है वो, आप नंबर बता दो हम बात कर लेंगे. इसके बाद राकेश टिकैत ने कहा कि कृषि मंत्री का नंबर उनके पास नहीं है। साथ ही किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आगे जब भी मीटिंग हो तो उसको सार्वजनिक कर दो और लाइव चलने दिया जाए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि अगर कृषि मंत्री को इस बिल में लगता है इसमें कुछ गलत नहीं है तो उसको वे टीवी पर आकर पढ़ दें।
हालाँकि न्यूज 24 पर ही दूसरे कार्यक्रम में लोजपा नेता एल के वाजपेयी ने किसान नेताओं के द्वारा बार बार नंबर मांगे जाने को लेकर कहा कि नंबर की जरुरत ही कहाँ है और 11 बार मीटिंग हुई है। नरेन्द्र सिंह तोमर के साथ बातचीत हुई है. पीयूष गोयल और अमित शाह के साथ भी बातचीत हुई है। इसके बाद भी किसान नेताओं के पास उनका नंबर नहीं है। साथ ही एल के वाजपेयी ने टीवी डिबेट में ही किसान नेताओं से कहा कि बातचीत करके मसले को ख़त्म कीजिए। मसले को ख़त्म करने में ही देश की गरिमा है , किसानों की गरिमा है. इसके अलावा एल के वाजपेयी ने यह भी कहा कि किसान नेताओं को यह भी बताना चाहिए कि इन कानूनों में काला क्या है।
आपको बता दूँ कि पिछले दो महीनों से भी अधिक समय से देशभर से आये किसान दिल्ली से सटे अलग अलग सीमाओं पर डटे हुए हैं। किसान केंद्र सरकार द्वारा पारित किये गए तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।