कृषि कानूनों को लेकर Bharatiya Kisan Union (BKU) नेता राकेश टिकैत ने साफ कर दिया है कि जब तक आंदोलनरत किसानों की मांगे नहीं पूरी हो जाती हैं, तब तक वे अपने-अपने घर वापस नहीं लौटने वाले हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र को कृषि कानून रद्द करने के लिए किसान यूनियनों की तरफ से दो अक्टूबर तक का वक्त दिया गया है। हम इसके बाद आगे की योजना बनाएंगे। सरकार के साथ हम दबाव में आकर बात नहीं करेंगे। चक्का जाम की शुरुआत से पहले टिकैत ने गाजीपुर में आंदोलन स्थल पर वहीं फूल और पौधे रोपे थे, जहां पर केंद्र ने किसानों को रोकने के लिए कीलें गड़वाई थीं। बीकेयू नेता ने इस बारे में बताया था- अगर वे कीलें लगाएंगे, तो हम वहां पर फूल उगाएंगे। केंद्र और किसानों के बीच यही रिश्ता है, जो लंबा चलेगा।
चक्का जाम पर बोले राकेश टिकैत- सब कुछ शांतिपूर्ण तरीके से होगा#ChakkaJam #farmersrprotest @RakeshTikaitBKU pic.twitter.com/qGMPgpWPhh
— News24 (@news24tvchannel) February 6, 2021
राहुल ने कहा, ‘देशहित में किसानों का सत्याग्रह, पूर्ण समर्थन’: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसान संगठनों के ‘चक्का जाम’ का समर्थन करते हुए कहा कि अन्नदाताओं का सत्याग्रह देश हित में है और तीनों कृषि कानून राष्ट्र के लिए घातक हैं। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘अन्नदाता का शांतिपूर्ण सत्याग्रह देशहित में है- ये तीन क़ानून सिर्फ़ किसान-मज़दूर के लिए ही नहीं, जनता व देश के लिए भी घातक हैं। पूर्ण समर्थन!’’
आंदोलनरत किसानों की मांगें मान ले केंद्र- सिसोदियाः दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि भाजपा नीत केन्द्र सरकार को तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों की मांगें मान लेनी चाहिये। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा किसानों के हितों की उपेक्षा कर कुछ उद्योगपतियों के फायदे के लिये ये कानून लाई है। सिसोदिया आगामी नगर निगम चुनाव के सिलसिले में रोड शो करने के लिये अहमदाबाद में थे। उनका यह बयान कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों द्वारा शनिवार को आहूत राष्ट्रव्यापी चक्का जाम के बीच आया।