नरेंद्र मोदी सरकार के लाए तीन कृषि कानूनों के अधिनियमन के एक साल पूरे होने पर शुक्रवार (17 सितंबर, 2021) को नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस (एनडीए) के पूर्व सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) ने ‘काला दिवस’ मनाया। पार्टी कार्यकर्ताओं की इस दौरान दिल्ली में गुरुद्वारा रकाबगंज से संसद तक मार्च निकालने की योजना थी, पर वे उनकी यह ख्वाहिश अधूरी ही रह गई, जबकि शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल समेत 15 पार्टी नेताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया, जिसके बाद उन्हें संसद मार्ग पुलिस स्टेशन ले जाया गया।
दिल्ली पुलिस के अफसरों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “हिरासत में लिए जाने से पहले बादल ने पत्रकारों से कहा था कि पार्टी कार्यकर्ताओं पर लाठियां बरसाईं गईं। शांतिपूर्ण प्रदर्शन को रोका गया। हम यहां पीएम मोदी को यह संदेश देने आए थे कि पंजाब ही नहीं बल्कि पूरा देश इस सरकार के खिलाफ है।”
दरअसल, कृषि कानूनों के विरोध में पार्टी के कुछ कार्यकर्ता पंजाब से दिल्ली तक आना चाह रहे थे, जबकि कुछ शहर में होकर संसद मार्च में शामिल होना चाह रहे थे। इनके मोर्चा खोलने की वजह से दिल्ली के कई इलाके सुबह तगड़े जाम की भेंट चढ़े। सुबह नौ बजे आईटीओ पर जाम लगना शुरू हो गया था, जो कि करीब ढाई घंटे तक रहा था। इस बीच, पुलिस ने कुछ जगहों पर बैरिकेड्स लगाकर पार्टी कार्यकर्ताओं को भी रोका। पंजाब से दिल्ली आ रहे कार्यकर्ताओं को भी लौटा दिया गया था।
दल की नेत्री हरसिमरत कौर बादल ने घटना से जुड़ा वीडियो शेयर करते हुए आरोप लगाया था कि देश में अघोषित इमरजेंसी लगी हुई है। बादल के ट्वीट के मुताबिक, “दिल्ली पुलिस द्वारा शहर के एंट्री प्वॉइंट्स सील करना और गुरुद्वारा रकाबजगंज पहुंच रहे अकाली दल के कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेना बेहद निंदनीय है। मुझे फोन कॉल और वीडियो मिल रहे हैं, जो बताते हैं कि कैसे पुलिस तीन कृषि कानूनों के खिलाफ होने वाले इस मार्च को विफल करना चाहती है। यह एक अघोषित आपातकाल है।”
हालांकि, दिल्ली पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि शिअद के नेतृत्व में होने वाले विरोध मार्च गुरुद्वारा रकाबगंज से संसद की ओर होना था, पर कोरोना वायरस महामारी के प्रसार और मौजूदा गाइडलाइंस के मद्देनजर उसके लिए अनुमति नहीं दी गई है। नई दिल्ली जिला में धारा 144 लगी हुई है।
नई दिल्ली जिला के डीसीपी दीपक यादव ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “अकाली दल द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन के लिए कुछ लोग यहां (गुरुद्वारा रकाबगंज के नजदीक) जुटे थे। हम उनके नेताओं के साथ संपर्क में हैं और साफ तौर पर स्पष्ट कर चुके हैं कि प्रदर्शन करने के लिए कोई मंजूरी नहीं दी गई है।”
विरोध मार्च को ध्यान में रखते हुए शंकर रोड इलाके में भी सुरक्षाबल तैनात किया गया। वहीं, दिल्ली के कई इलाकों में इस विरोध प्रदर्शन से पहले जाम की समस्या से लोगों को दो-चार होना पड़ा। झंडेवालां-पंचकुइंया रोड पर सुबह यातायात प्रभावित रहा।
दिल्ली पुलिस ने हिंदी में ट्वीट किया, ‘‘गुरुद्वारा रकाब गंज रोड, आरएमएल अस्पताल, जीपीओ, अशोक रोड, बाबा खड़ग सिंह मार्ग पर किसान आंदोलन के कारण भीड़भाड़ होगी अत: इन मार्गों का इस्तेमाल करने से कृपया बचें।’’ पुलिस के मुताबिक सरदार पटेल मार्ग से धौला कुआं मार्ग भी बंद है। उसने मार्ग परिवर्तन अन्य संबंधी जानकारी भी दी।
इसी बीच, दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने ट्वीट कर जानकारी कि पंडित श्री राम शर्मा और बहादुरगढ़ सिटी मेट्रो स्टेशंस से एंट्री और एग्जिट (प्रवेश और निकास) को फिलहाल बंद कर दिया गया है।