भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि पहले के प्रधानमंत्री किसानों से संवाद करते थे, जबकि अब के प्रधानमंत्रियों के पास बच्चे खिलाने से फुर्सत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों का इलाज संसद में होगा, जबकि सरकार का इलाज गांवों में किया जाएगा।

ये बातें उन्होंने हिंदी न्यूज चैनल News 24 पर बातचीत के दौरान कहीं। दरअसल, ऐंकर मानक गुप्ता ने उनसे पूछा था, “प्रधानमंत्री पर आपको भरोसा नहीं है क्या? पहले तो आपको यकीन था…बात कर लीजिए न सीधे पीएम से। कहिए, मिल लें।” किसान नेता का जवाब आया- कौन बात करता है? किसानों से इन्होंने (पीएम मोदी) सात साल से बात नहीं की। पहले वाले तो बात करते थे, पर अब के प्रधानमंत्री बात नहीं करते। इन्हें तो बालक (बच्चे) खिलाने से फुर्सत हो जाए तो बात करें।

यूपी के चुनाव में क्या होने जा रहा है? टिकैत इस प्रश्न पर बोले- गांव के लोग जब बीजेपी वालों को वोट नहीं दे रहे, तब हम क्या कर सकते हैं। वे तो यही कह रहे हैं। बीजेपी हारेगी वहां से। सूबे में भगवा दल 100 से 125 सीट हासिल कर सकता है।

कश्मीर के मुद्दे पर बीकेयू प्रवक्ता ने बताया, “370 का मामला यह था…हम कश्मीर गए थे। वहां के किसानों ने हमें बताया कि अनुच्छेद 370 के प्रावधान खत्म किए जाने के बाद उन्हें नुकसान होगा। उनका पैकेज खत्म हो गया। बिजली पहले सस्ती मिलती थी। हिल अलाउंस न काटो। पैकेज वहां के रहने चाहिए, जिससे किसानों को लाभ मिलता रहे। सरहदी सीमाओं पर बहुत किसानों की जमीन बर्बाद होती है। गोलीबारी के दौरान पशु, मकानों और लोगों को दिक्कत होती है। फौज आगे बढ़ती है, तो वे किसान बहुत मदद करते हैं। उन्हें भी किसान सैनिक का दर्जा दे दो। ये सब हमने कहा था।”

बकौल टिकैत, “हमारे पास अलग प्रस्ताव हैं। हम उसे लेकर आएंगे। एक तो हमने किसानों का अस्पताल तलाश लिया है। हमारा इलाज संसद में होगा, बड़ा अस्पताल है…वहीं कानून बन रहे हैं तो वहीं किसान का ठीक इलाज होगा। एक और ढूंढ लिया है…सरकार का इलाज गांव में होगा। सरकार को दिमागी बुखार है, जिसे हम ठीक करेंगे। तीन साल लगेंगे। दवाई देंगे, पर यह ठीक हो जाएगा। देसी इलाज से काम करना पड़ेगा। धीमे-धीमे ही काम चलेगा।”

टिकैत ने आरोप लगाया कि सरकार बात ही नहीं करना चाहती। कश्मीरी लोगों से बात करती है, पर हमसे नहीं वार्ता करती। चैनल के लोग करा दें बातचीत।