Agriculture Bills/Farm Bills के विरोध में सोमवार सुबह नई दिल्ली स्थित इंडिया गेट पर एक ट्रैक्टर को आग के हवाले कर दिया गया। हालांकि, इसे किसने आग के हवाले किया? यह फिलहाल स्पष्ट नहीं है।
नई दिल्ली के डीसीपी डीसीपी ईश सिंघल ने समाचार एजेंसी PTI को बताया, “सात बजकर 15 मिनट से साढ़े सात के बीच 15 से 20 लोग यहां एकजुट हुए थे और उन्होंने ट्रैक्टर को आग लगाने की कोशिश की। आग पर काबू पा लिया गया है और ट्रैक्टर वहां से हटा दिया गया है। जो इस घटना में शामिल हैं, उनकी शिनाख्त की जा रही है। फिलहाल जांच जारी है।”
रिपोर्ट में दमकल अफसरों के हवाले से कहा गया, “हमें सुबह सात बजकर 42 मिनट पर इस बारे में जानकारी मिली थी। आनन-फानन मौके पर दो दमकल की गाड़ियां गईं।”
#WATCH: A tractor was set ablaze by unidentified persons near India Gate, today. DCP New Delhi says,”Around 15- 20 persons gathered here & tried to set a tractor on fire. The fire has been doused off & tractor was also removed. Those involved are being identified. Probe underway” pic.twitter.com/IKlOxq4mbj
— ANI (@ANI) September 28, 2020
इस दौरान Punjab Youth Congress के कार्यकर्ताओं ने भी किसान बिलों के खिलाफ वहां प्रदर्शन किया। वहीं, एएनआई ने बताया कि मूल रूप से पंजाब के रहने वाले पांच लोगों को इस मामले में हिरासत में लिया गया है। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू हुई।
#WATCH: Punjab Youth Congress workers stage a protest against the farm laws near India Gate in Delhi. A tractor was also set ablaze. pic.twitter.com/iA5z6WLGXR
— ANI (@ANI) September 28, 2020
न्यूज 18 की रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस के हवाले से बताया कि ट्रैक्टर को आग के हवाले Youth Congress से जुड़े प्रदर्शनकारियों ने किया। इसी बीच, समाचार एजेंसी एएनआई को केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया- आज दिल्ली में कांग्रेस ने अपना असली चेहरा दिखाया। किसानों के नाम पर कुछ असामाजिक तत्व अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। एक ट्रैक्टर जलाने का नाटक रचा गया, ये सारा विषय दुर्भाग्यपूर्ण है।
राष्ट्रपति ने 3 विवादित कृषि बिलों को दी मंजूरीः दरअसल, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने रविवार को तीन कृषि विधेयकों को मंजूरी दी, जिनके चलते इस समय एक राजनीतिक विवाद खड़ा है। खासतौर से पंजाब और हरियाणा के किसान खफा हैं। गजट अधिसूचना के अनुसार राष्ट्रपति ने तीन विधेयकों को मंजूरी दी। ये विधेयक हैं- 1) किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020, 2) किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) मूल्य आश्वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020 और 3) आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020।
किसानों हितों की रक्षा को खंगाल रहा हूं सारे विकल्प- अमरिंदरः पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कृषि विधेयकों को राष्ट्रपति की मंजूरी को ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण और निराशाजनक’’ बताते हुए कहा कि उनकी सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए राज्य के कानूनों में संशोधन समेत सभी विकल्पों को खंगाल रही है। सीएम ने कहा कि कोई भी फैसला करने के पहले सभी किसान संगठनों और अन्य हितधारकों को विश्वास में लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार कीमतों से समझौता किए बिना किसानों का एक-एक दाना खरीदने के लिए प्रतिबद्ध है। अमरिंदर सोमवार को शहीद भगत सिंह को उनके समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि देने के बाद खटकर कलां में इन कानूनों के खिलाफ धरने पर बैठेंगे।
मंजूरी बेहद दुखद, निराशाजनक…बोले ‘SAD’ बादल: शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा तीन कृषि विधेयकों के साथ जम्मू कश्मीर आधिकारिक भाषा विधेयक को दी गई मंजूरी को रविवार को ‘‘दुखद, निराशाजनक और बहुत दुर्भाग्यपूर्ण’’ करार दिया। एक बयान जारी कर बादल ने कहा कि देश के लिए आज ‘‘काला दिन’’ है क्योंकि राष्ट्रपति ने राष्ट्र के अंत:करण के अनुरूप काम करने से इनकार कर दिया। उन्होंने दावा किया कि शिअद ही किसानों की चिंता करने वाली पार्टी है ना कि भाजपा और कांग्रेस।
ये हैं धीमा जहर, किसानों को बनाएंगे गुलाम- कांग्रेसः कांग्रेस ने भाजपा के सहयोगी दलों जद (यू), लोजपा और जजपा को केंद्र का विरोध करने और कृषि विधेयकों का समर्थन नहीं करने की चुनौती दी। इसके साथ ही पार्टी ने आरोप लगाया कि नए कृषि विधेयक कैंसर और धीमे जहर की तरह हैं जो किसानों और खेती को खत्म कर देंगे। एक संयुक्त डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में हरियाणा कांग्रेस की प्रमुख कुमारी शैलजा और पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने सभी दलों से एक साथ आने और कृषि विधेयकों का विरोध करने का अनुरोध किया। उन्होंने केंद्र से इन विधेयकों को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि ये किसानों को “बड़े कारोबारियों का गुलाम” बना देंगे। (भाषा इनपुट्स के साथ)