कांग्रेस से निष्कासित नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने रविवार को अपने भविष्य की योजना का संकेत दिया। यूपी के संभल में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यों की प्रशंसा की और कहा कि वे उनको अपना नेता मानते हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा ‘मैं नरेंद्र मोदी जी के साथ हूं और मोदी जी देश के साथ हैं…।’ बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता कि मैं कहां जाऊंगा। मुझे भगवान पर भरोसा है, जहां भगवान मुझे ले जाएंगे, मैं वहां जाऊंगा। मैं नरेंद्र मोदी जी के साथ हूं और मोदी जी देश के साथ हैं…”
आचार्य ने आजीवन मोदी जी के साथ खड़े रहने का लिया संकल्प
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कांग्रेस से निकाले जाने पर कहा कि हर नेता मुझसे पूछ रहा है कि आचार्य प्रमोद कृष्णम की गलती क्या थी? उन्होंने कहा कि वे लंबे समय से अपमान झेल रहे थे, लेकिन वे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को दिए वचन से बंधे थे। उन्होंने कहा, “…16-17 साल की उम्र में मैंने जो वचन राजीव गांधी को दिया था वो आज तक निभाया है और आज इस उम्र में एक संकल्प ले रहा हूं कि मैं आजीवन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खड़ा रहूंगा।”
“जिसने चलना सिखाया, राहुल गांधी ने उन्हीं का अपमान किया”
प्रमोद कृष्णम ने कहा, “कांग्रेस पार्टी ने मेरा अपमान करना शुरू कर दिया. मैंने बहुत अपमान झेला है, फिर भी मैंने पार्टी नहीं छोड़ी। राजीव गांधी से जो वादा किया था, वह बीच में आ जाता था, इसलिए नहीं छोड़ा…” मैंने यह भी सोचा कि जो व्यक्ति अपने दादा-दादी, माता, पिता के साथ खड़े होने वाले लोगों का सम्मान करना नहीं जानता…गुलाम नबी आज़ाद, कमल नाथ, भूपिंदर सिंह हुड्डा, दिग्विजय सिंह और आनंद शर्मा जैसे नेता इंदिरा गांधी के साथ रहते थे, राजीव गांधी और सोनिया गांधी। ये वही लोग थे जिन्होंने राहुल गांधी का हाथ पकड़कर उन्हें चलना सिखाया। मैंने खुद से सवाल किया कि जो व्यक्ति इतने बड़े नेताओं का सम्मान नहीं करता, तो वो जीत गया तो उसके लिए मेरा अपमान करना कोई बड़ी बात नहीं होगी…।”
कृष्णम ने पूछा- किसके इशारे पर प्रियंका का भी हो रहा अपमान
उन्होंने कहा, “पार्टी में सचिन पायलट का बहुत अपमान हुआ है लेकिन वे भगवान शिव की तरह जहर पिये जा रहे हैं। उसी तरह प्रियंका गांधी की भी बहुत तौहीन हो रही है… देश की आज़ादी के बाद किसी भी पदाधिकारी के सामने ऐसा नहीं लिखा गया, जो प्रियंका गांधी के सामने लिखा गया… उनके आगे लिखा गया प्रियंका गांधी, ‘बिना किसी पोर्टफोलियो के महासचिव'(General Secretary without any Portfolio)…सवाल इस बात का है कि ये जो अपमान किया जा रहा है ये किसके इशारे पर हो रहा है?…”
उन्होंने कहा, “मुझे पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण छह साल के लिए पार्टी से निकाला गया है। मुझे पद से मुक्त करने के लिए मैं कांग्रेस पार्टी को धन्यवाद देना चाहता हूं। भगवान राम को भी 14 साल के लिए वनवास भेजा गया था क्योंकि मैं राम भक्त हूं, मैं चाहता हूं कि कांग्रेस पार्टी मुझे 6 साल के बजाय 14 साल के लिए निष्कासित कर दे…कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, केसी वेणुगोपाल को बताना चाहिए कि कौन सी गतिविधियां पार्टी विरोधी हैं? क्या भगवान राम का नाम लेना पार्टी विरोधी है? क्या अयोध्या जाना पार्टी विरोधी है?”
निष्कासित नेता ने कहा, “कांग्रेस पार्टी द्वारा कई ऐसे फैसले लिए गए जिनसे मैं सहमत नहीं था, जैसे धारा 370 को निरस्त करने का विरोध करना। कांग्रेस को इसका विरोध नहीं करना चाहिए था…कांग्रेस को डीएमके नेताओं का समर्थन नहीं करना चाहिए था जब वे सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया से की…।”