प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कांग्रेस राज्यसभा सांसद अहमद पटेल के घर पांच दिन के अंदर तीसरी बार पूछताछ करने पहुंची है। संदेसरा बंधुओं के कथित बैंक धोखाधड़ी केस में ईडी शिकंजा कस रही है। इससे पहले ईडी ने पटेल (70) को इस मामले में पूछताछ के लिए दो बार तलब किया था, लेकिन गुजरात से राज्यसभा के सदस्य पटेल ने वरिष्ठ नागरिकों को घर में ही रहने की सलाह देने वाले कोविड-19 वैश्विक महामारी के दिशा-निर्देशों का हवाला दिया था। इससे पहले ईडी ने 27 जून को और 30 जून को पटेल से पूछताछ की थी।
अधिकारियों के अनुसार मध्य दिल्ली के लुटियंस जोन में 23, मदर टेरेसा क्रीसेंट स्थित पटेल के आवास पर दोपहर को ईडी की टीम पहुंची। टीम के सदस्यों को कोरोनावायरस संक्रमण से बचने के लिए मास्क एवं दस्ताने पहने और फाइलें पकड़े देखा गया। उन्होंने बताया कि पटेल का बयान धनशोधन निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया जा रहा है और संदेसरा बंधुओं के साथ उनके कथित संबंधों के बारे में भी पूछताछ की गई।
क्या है संदेसरा स्कैम: दरअसल, संदेसरा बंधुओं पर आरोप है कि इन लोगों ने कई बैंकों को भारी चूना लगाया है। स्टर्लिंग बॉयोटेक कंपनी लिमिटेड और संदेसरा ग्रुप के तीनों प्रमोटरों, नितिन संदेसरा, चेतन संदेसरा और दीप्ति संदेसरा ने पहले तो फर्जी कंपनियां बनाईं फिर कई बैंकों को करीब 14,500 करोड़ का चूना लगाया।
हवाला मामले में जारी हुआ था समन: इससे पहले अहमद पटेल के खिलाफ आयकर विभाग ने समन जारी किया था। उनपर आरोप है कि हवाला की 400 करोड़ से ज्यादा की रकम कांग्रेस के खातों में भी आई थी। फिलहाल आयकर विभाग इस मामले में जांच कर रही है।
बताया जा रहा है कि करोबार बढ़ाने की बात कहकर संदेसरा बंधुओं ने स्टर्लिंग बायोटेक के नाम पर 5383 करोड़ का लोन लिया। बाद में इन लोगों ने जानबूझकर यह रकम नहीं चुकाई। आंध्रा बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के समूह ने यह लोन दिया था। बैंकों की शिकायत पर सीबीआई ने अक्टूबर 2017 में फार्मा कंपनी के प्रमोटर नितिन संदेसारा, चेतन संदेसारा और दीप्ति संदेसारा के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था।