प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को एक बड़े अभियान के तहत देश के विभिन्न राज्यों में छापेमारी की। यह कार्रवाई 650 करोड़ रुपये के कथित फर्जी जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) दावों और उससे जुड़े धन शोधन के मामले में की गई। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, यह ऑपरेशन कई दिनों से तैयार किया जा रहा था और गुरुवार सुबह से ही एक साथ कई टीमों ने अलग-अलग राज्यों में दबिश दी।
सूत्रों ने बताया कि ईडी का यह अभियान गुवाहाटी कार्यालय की अगुवाई में चलाया जा रहा है। अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, तमिलनाडु और तेलंगाना में कई संवेदनशील स्थानों पर तलाशी ली गई। अधिकारियों का कहना है कि इन राज्यों में अलग-अलग फर्मों और कारोबारियों पर शक था कि वे फर्जी दस्तावेजों के सहारे टैक्स क्रेडिट का दावा कर रहे थे और फिर इसी पैसे को विभिन्न चैनलों से घुमा-फिराकर काले धन को सफेद करने का काम कर रहे थे।
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जांच एजेंसी ने स्पष्ट किया है कि छापेमारी का मकसद न केवल सबूत जुटाना है बल्कि इस पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ करना भी है, जिसमें कारोबारी, बिचौलिए और शेल कंपनियों का इस्तेमाल करने वाले लोग शामिल हो सकते हैं। ईडी के अनुसार, शुरुआती जांच में यह सामने आया कि फर्जी बिलों और लेन-देन के जरिए टैक्स चोरी कर सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया गया है।
धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत यह कार्रवाई की जा रही है। ईडी अधिकारियों का कहना है कि तलाशी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल रिकॉर्ड और लेन-देन से जुड़े कागजात जब्त किए गए हैं। इसके अलावा कुछ संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ भी की जा रही है। एजेंसी का मानना है कि शुरुआती स्तर पर यह घोटाला 650 करोड़ रुपये का है, लेकिन आगे की जांच में रकम और भी ज्यादा निकल सकती है।