दिल्ली-NCR समेत उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में शुक्रवार शाम भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। शाम करीब पांच बजकर 14 मिनट पर 30 से 40 सेकेंड्स तक इन्हें महसूस किया गया। दिल्ली और नोएडा के अलावा पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में भी लोगों ने झटके महसूस होने के बाद फौरन घर और दफ्तर खाली कर दिए थे। झटके आने के दौरान कुछ लोगों ने मेजें, अलमारी, सीलिंग फैन और डेस्क पर रखे कंप्यूटर तक हिलते देखे।
वहीं, राजस्थान की राजधानी जयपुर और आस-पास के क्षेत्रों में भी शुक्रवार शाम भूकंप के झटके महसूस किए गए। मौसम विभाग के प्रवक्ता के मुताबिक, जयपुर में शुक्रवार शाम पांच बजकर दस मिनट पर भूकंप आया।
समाचार एजेंसी PTI-Bhasha की रिपोर्ट में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के राष्ट्रीय भूकंप केंद्र के वरिष्ठ अधिकार जे एल गौतम के हवाले से कहा गया कि शुक्रवार शाम पांच बजकर दस मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किये गए। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 6.3 मापी गयी है।
डा. गौतम के अनुसार, भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के हिंदू कुश क्षेत्र में जमीन की सतह से 190 किमी नीचे स्थित था। मानचित्र पर इसकी स्थिति 36.5 डिग्री उत्तर में अक्षांश और 70.5 डिग्री पूर्व में देशांतर पर केन्द्रित था।
उन्होंने आगे बताया कि भूकंप के झटके जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली एनसीआर, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के अधिकांश इलाकों में थोड़े समय के अंतराल पर दो बार महसूस किये गए।
#WATCH An earthquake with a magnitude of 6.3 on the Richter scale hit Hindu Kush region in Afghanistan. Earthquake tremors also felt in Pakistan's Islamabad and Lahore. pic.twitter.com/npNxkVHYiT
— ANI (@ANI) December 20, 2019
अफगानिस्तान और PAK पाकिस्तान में भी भूकंप: अफगानिस्तान और पाकिस्तान में शुक्रवार दोपहर शक्तिशाली भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिसके कारण इस्लामाबाद और काबुल में लोगों में खलबली मच गई थी। वे अपने-अपने घरों से निकलकर सड़कों पर आ गए। अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण (यूएसजीएस) ने यह जानकारी दी। यूएसजीएस ने बताया कि उत्तरी अफगानिस्तान में जुर्म के करीब 50 किलोमीटर दक्षिण पश्चिमी में करीब 200 किलोमीटर से अधिक की गहराई में आया था।
दोनों देशों की राजधानी में स्थानीय लोगों ने दो बार भूकंप के झटके महसूस किए, जो एक के बाद एक तुरंत आए। हालांकि घटना में नुकसान की तत्काल कोई खबर नहीं है। भूकंप के झटके दिल्ली में भी महसूस किए गए जबकि लाहौर में लोग घबराकर अपने-अपने घरों और कारों से निकल कर सड़कों पर आ गए। भूकंप का केंद्र उत्तर पूर्वी अफगानिस्तान के बदख्शां प्रांत में बेहद कम आबादी वाले सुदूरवर्ती पर्वतीय क्षेत्र में था। यूएसजीएस के अनुमान के अनुसार भूकंप से थोड़ा वित्तीय नुकसान हुआ होगा और हताहतों की संख्या एवं क्षति भी बेहद कम हुई होगी।