केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने सोमवार को लोकसभा में कोरोना वायरस के खिलाफ सरकार के प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने संसद में कहा कि अगर लॉकडाउन नहीं लगाया जाता तो देश भर में आज कोरोना वायरस के कारण जो स्थिति है वह और भयानक हो सकती थी। लॉकडाउन के कारण देश मे कोरोना वायरस संक्रमण के 29 लाख मामलों को रोका जा सका है। यह बात कोई कम महत्वपूर्ण बात नहीं है।

हर्षवर्धन ने दोहराया कि सरकार का लॉकडाउन का निर्णय ‘साहसिक’ था। इसने देश में कोरोना के लगभग 14 से 29 लाख मामले कम हुए और 37,000 से 38,000 लोगों की जिंदगियों को बचाया। डॉ. हर्षवर्धन ने संसद में कहा, ‘देश में कोरोना के संक्रमण की दर कम है। सरकार देश में कोविड-19 के नए मामले और मौतों पर रोक लगाने में कामयाब रही है। भारत में हर 10 लाख लोगों पर 3328 लोग कोरोना के संक्रमण की जद में आ रहे हैं। जबकि प्रति 10 लाख लोगों पर मौत का आंकड़ा 55 है। दुनिया में कोरोना का प्रकोप झेल रहे देशों में यह सबसे कम है।’

स्वास्थ्य मंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब देश में पिछले कुछ दिनों से रोजाना एक लाख के करीब कोरोनोवायरस के मामले सामने आ रहे हैं। देश में अब तक कोरोना से 48 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। इस महामारी के कारण करीब 80,000 लोगों की मौत हो चुकी है। भारत COVID-19 महामारी से दूसरा सबसे ज्यादा प्रभावित देश है।

इससे पहले डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, ‘देश में 11 सितंबर तक कोरोनावायरस के कुल 45,62,414 मामले आए थे। 76,271 लोगों की संक्रमण से मृत्यु हो चुकी थी। संक्रमण से मृत्यु दर 1.67 प्रतिशत है। अब तक 35,42,663 लोग संक्रमण से उबर चुके हैं। यह संख्या कुल मामलों का 77.65 प्रतिशत है।’ उन्होंने बताया, ‘संक्रमण और उससे मौत के सर्वाधिक मामले मुख्यत: महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, ओडिशा, असम, केरल और गुजरात से आए हैं।’

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, ‘इन सभी राज्यों में मामलों की संख्या अलग-अलग एक लाख से अधिक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, दुनियाभर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या 2.79 करोड़ से ज्यादा है। संक्रमण से 9.05 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है। उन्होंने कहा कि दुनिया में संक्रमण से मृत्यु की दर 3.2 प्रतिशत है।

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, ‘भारत की उपल्बधियों को कम करके नहीं देखा जाना चाहिए। जहां कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत में भारत में एक भी पीपीई किट नहीं बनती थी, वहां आज लाखों की तादाद में रोजाना पीपीई किट बन रही हैं। देश में कोरोना टेस्टिंग की सुविधा नहीं थी, लेकिन अब रोजाना लाखों कोरोना टेस्ट हो रहे हैं। यूपी पहला ऐसा राज्य बना है जहां 75 लाख कोरोना टेस्ट हो चुके हैं। राज्य में जल्द ही 2 लाख टेस्ट रोजाना हो पाएंगे।’

इससे पहले डॉ. हर्षवर्धन ने कहा था, ‘2021 की पहली तिमाही में देश में कोरोना वैक्सीन आ जाएगी। अगर लोगों में वैक्सीन बनने के बाद उसे लेकर किसी भी तरह का संदेह होगा तो मैं खुद सबसे पहले टीका लगवाऊंगा। टीका उपलब्ध होने पर सबसे पहले स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, वरिष्ठ नागरिकों और फ्रंटलाइन पर काम कर रहे कोरोना वॉरियर्स को दिया जाएगा।’