CAA और NRC को लेकर उत्तर पूर्वी दिल्ली में सोमवार को करीब सात-आठ इलाकों में हिंसा भड़की। नागरिकता कानून के पक्ष और विपक्ष में रहे लोगों ने मौजपुर, जाफराबाद और भजनपुरा सरीखे इलाकों में एक दूसरे पर जहां पत्थरबाजी की। वहीं, सार्वजनिक संपत्तियों को भी निशाना बनाया और उनमें आगजनी की।
इस दौरान गोकुलपुरी इलाके में भी झड़प हुई, जहां दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्सटेबल रतन लाल समेत चार लोगों (तीन नागरिकों के साथ) की जान चली गई, जबकि अन्य जगहों पर शाहदरा के डीसीपी समेत कुल 37 पुलिसकर्मी जख्मी हुए। खबर लिखे जाने तक 10 से 11 अन्य लोग भी जख्मी हुए थे।
कौन था शहीद पुलिस कर्मी?: जानकारी के मुताबिक, रतन लाल राजस्थान के सीकर जिला निवासी थे। 1998 में वह दिल्ली पुलिस में बतौर कॉन्सटेबल भर्ती हुए थे। वह गोकुलपुरी में एसीपी पद पर कार्यरत थे, जबकि परिवार में पत्नी और तीन बच्चे हैं।
नर्सिंग होम की छत पर चढ़ मचाया उत्पातः सुबह तक झड़पें जाफराबाद, मौजपुर और सीलमपुर में हुईं, पर दोपहर तक भजनपुरा, चांदबाग, मुस्तफाबाद और ब्रजपुरी में भी आगजनी की खबरें आईं।स्थानीय अशरफ अली ने बताया कि 10 से 12 लोगों को गोली लगी, जिनमें छह की हालत फिलहाल नाजुक है।
2 महीने पहले ही मृतक की हुई थी शादीः मारे गए दो नागरिकों में से एक शख्स की दो माह पहले ही शादी हुई थी, जबकि भजनपुरा में मोहन नर्सिंग की छत पर चढ़कर अराजक तत्वों ने पत्थर फेंके थे। कथित तौर पर गोलियां चलाईं। एक धर्मस्थल को भी निशाना बनाया और वहां पेट्रोल पंप पर भी आगजनी की।
देसी बम से लगाई गई आग: घटना से जुड़े कुछ वीडियो में अज्ञात लोगों ने दावा किया कि कुछ जगहों पर बवाल के दौरान लोगों ने बम से आग लगाई। उपद्रवियों ने झड़प के बीच गाड़ियां, पुलिस बैरिकेड्स, सार्वजनिक संपत्तियां और पेट्रोल पंप्स को भी नहीं बख्शा। उन्होंने इन सब जगहों पर तोड़फोड़ और आगजनी की।
खजूरी खास पर भी तैनात करनी पड़ी पुलिसः बताया गया कि सीएए के समर्थन और विरोध के दौरान दोनों पक्षों की ओर से ईंट-पत्थर फेंके गए थे। चार पहिया और दो पहिया वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया। यही नहीं, उपद्रवियों ने कुछ दुकानों को भी नुकसान पहुंचाया। ऐहतियात के तौर पर खजूरी खास में भी सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया।
‘मौके पर पुलिस बल तैनात’: इसी बीच, शाम को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी.किशन रेड्डी ने बताया था कि दिल्ली में कानून और न्याय व्यवस्था बरकरार रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
जाफराबाद हिंसा में 20 से अधिक गंभीरः वहीं, जीटीबी अस्पताल के अधिकारी के हवाले से समाचार एजेंसी ANI ने बताया कि जाफराबाद मे हिंसा के दौरान 20 से अधिक जख्मी लोग हुए, जिनका इलाज फिलहाल Guru Teg Bahadur Hospital में हो रहा है। ये सभी कैजुअल्टी वॉर्ड में रखे गए हैं, जहां उन्हें गंभीर चोटें आई हैं।
20 से अधिक पर केसः पुलिस ने आईपीसी की धारा 143, 147, 148, 149, 186, 353, 332, 120B और 34 के तहत इंद्राणी, देविका, सुनीता, पूजा, अजरा, महनुमा, शबाना, यास्मीन, सबीना, हैदर, सलाउद्दीन, अबिद, सलमान, जाहिद, मुन्ना, वसीम, गौरी, नईम, वकार, रहमान और अन्य के खिलाफ रविवार को मालवीय नगर में हुई घटना के संबंध में केस दर्ज हुआ है।
देखें, कैसा था झड़प के दौरान का नजाराः
कैसे शुरू हुई थी झड़प? चश्मदीदों ने बताया कि चांदबाग इलाके में महिलाएं प्रदर्शन पर बैठी थीं, पर पुलिस उन्हें हटाने आई थी। स्थानीय लोग इसी को लेकर भड़क गए थे, जिसके बाद झड़प शाम तक चली थी। इसके बाद मोहन नर्सिंग होम से पत्थरबाजी हुई। चांद बाग वाले इलाके में कई दुकानों में तोड़फोड़ हुई, जबकि भजनपुरा से करावल नगर वाले रोड में दुकानों को क्षतिग्रस्त किया गया। बृजपुरी और शिव विहार में भी तोड़फोड़ हुई। और, इसी इलाके में चंद दिनों पहले गृह मंत्री अमित शाह की रैली हुई थी।
गर्म से नरम पड़े कपिल मिश्रा?: इसी बीच, बीजेपी के कपिल मिश्रा ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा पर कहा है- मेरी अपील है कि हिंसा रोकिए, क्योंकि यह किसी चीज का हल नहीं है। फिर चाहे लोग सीएए के समर्थन में हों या विरोध में। मेरी सभी से अपील है कि वे शांति बरकरार रखें। दिल्ली में भाईचारा बरकरार रहना चाहिए।