दिल्ली के एक निजी अस्पताल में काम करने वाली 46 वर्षीय नर्स की मौत के बाद उसके साथियों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अस्पताल में काम करने वाली अन्य नर्सों का आरोप है कि ‘उन्हें इस्तेमाल किए हुए पीपीई किट, ग्लव्ज और मास्क दिए जाते हैं।’ बता दें कि दिल्ली के कालरा अस्पताल में काम करने वाली नर्स अंबिका पीके की रविवार की दोपहर सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई थी। कोरोना संक्रमण के कारण नर्स की मौत का यह दिल्ली का पहला मामला है।

द इंडियन एक्सपेस ने अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ से बात की तो उनमें से एक वरिष्ठ नर्सिंग स्टाफ ने दावा किया कि “डॉक्टरों को नई पीपीई किट दी जा रही है, वहीं नर्सों को इस्तेमाल की हुई पीपीई किट दी जा रही है। यदि हम इस पर आपत्ति जताते हैं तो हमें कहा जाता है कि यहां कोविड 19 के मरीजों का इलाज नहीं किया जाता इसलिए यहां संक्रमण का खतरा कम है और इसलिए इस्तेमाल की हुई पीपीई किट दोबारा इस्तेमाल की जा सकती है।”

वहीं अस्पताल के मालिक डॉ. आरएन कालरा ने इन आरोपों से इंकार किया है और बताया कि सभी कर्मचारियों को पर्याप्त संख्या में पीपीई किट और हेंड सैनेटाइजर मुहैया कराए गए हैं। डॉ. कालरा ने बताया कि मुझे किसी स्टाफ से कोई शिकायत नहीं मिली है। यदि कोई शिकायत मिलती है तो वह इस मामले की जांच करेंगे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।

एक वरिष्ठ नर्स ने बताया कि एक हफ्ते पहले अस्पताल में अपने काम के आखिरी दिन अंबिका की नर्सिंग इंचार्ज से नई पीपीई किट और मास्क नहीं मिलने को लेकर बहस भी हुई थी। अंबिका ने 18 मई को अस्पताल में काम किया था और उसी दिन उनकी तबीयत खराब हो गई थी। उसी रात अंबिका को बुखार हो गया और गला खराब और बॉडी में दर्द की शिकायत के बाद 21 मई को उसे सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया। 24 मई को अंबिका की इलाज के दौरान मौत हो गई।

अंबिका केरल के पत्तनमथित्ता की निवासी हैं और दिल्ली में अपनी 16 वर्षीय बेटी के साथ रह रही थी। अंबिका के पति मलेशिया में काम करते हैं और बेटा केरल में रहता है। पत्तनमथित्ता के सांसद एंटो एंटनी ने अंबिका की मौत पर पीएम मोदी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर मुआवजा देने की मांग की है। राज्यसभा सांसद केके रागेश ने भी इस मुद्दे पर केजरीवाल सरकार को पत्र लिखकर अस्पतालों में स्वास्थ्यकर्मियों के लिए पर्याप्त मात्रा में पीपीई किट और ग्लव्ज ना होने की बात कही और दिवंगत नर्स के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की।

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