राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी एनआईए ने दावा किया है कि डी-कंपनी का मुखिया दाऊद इब्राहिम धर्म गुरुओं, आरएसएस नेताओं और चर्चों पर हमला कर देश में धार्मिक असंतोष का माहौल पैदा करना चाहता था। एजेंसी इस मामले में चार्जशीट दायर करेगी। गौरतलब है कि 2 नवंबर 2015 को गुजरात के भड़ूच में डी-कंपनी के 2 शार्प शूटरों को आरएसएस नेता शिरीष बंगाली और प्रग्नेश मिस्त्री की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। हत्यारों ने बताया था कि उन्होंने 1993 मुंबई सीरियल धमाकों के आरोपी याकूब मेनन को फांसी दिए जाने के बदले में यह हत्याएं की थीं।

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जांच में एनआईए को पता चला कि डी-कंपनी के इस पूरी साजिश के पीछे पाकिस्तान में रह रहे जावेद चिकना और दक्षिण अफ्रीका में रह रहे जाहिद मियां (जाओ) का हाथ था। एजेंसी को मिली जानकारी के मुताबिक डी-कंपनी उन बीजेपी और आरएसएस नेताओं की लिस्ट बना चुकी है जिन्हें टारगेट किया जाना था। बता दें कि एनआईए ने हाली ही में चिकना को पकड़ने के लिए एनआईए ने दुनिया की सबसे बड़ी पुलिस ऑर्गनाइजेशन इंटरपोल की भी मदद ली थी। एनआईए ने पाकिस्तान, नेपाल, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब और अमेरिका को इस संबंध में पत्र (म्यूचुअल लीगल असिस्टेंस ट्रीटी) भी लिखे थे।

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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक चार्जशीट में हाजी पटेल, मोहम्मद यूनुस शेख, अब्दुल समद, आबिद पटेल, मोहम्मद अल्ताफ, मोहसिन खान और नासिर अहमद समेद डी-कंपनी के 10 लोगों के नाम होंगे। जानकारी के मुताबिक पटेल, जावेद चिकना का भाई है। चिकना के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया गया है।