कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को 21 दिनों के लिए बंद कर दिया था। लॉकडाउन के बाद भी कोरोना का प्रकोप कम नहीं हुआ जिसके चलते लॉकडाउन को 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है। लॉकडाउन की वजह से लोगों और देश की अर्थव्यवस्था को गहरी चोट पहुंच रही है। ऐसे में सरकार ने 20 अप्रैल से चुनिंदा आवश्यक गतिविधियों को अनुमति दी है। जिसके चलते 45% आर्थिक गतिविधियां शुरू हो जाएंगी और अर्थव्यवस्था को कुछ मदद मिलेगी।
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक अर्थशास्त्रियों ने कहा कि केंद्र सरकार के दिशानिर्देश 20 अप्रैल से कई सेक्टर्स में फिर से काम शुरू हो जाएगा जिसकी वजह से अर्थव्यवस्था में 45% गतिविधियां शूर हो जाएंगी। 24 मार्च से 14 अप्रैल तक किए गए पहले लॉकडाउन के दौरान सिर्फ 25% आर्थिक गतिविधियां चालू थीं।
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जिन क्षेत्रों में काम फिर से शुरू होगा, उनमें ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर विशेष तौर पर ध्यान दिया जाएगा। इसके साथ ही लोगों की रोजमर्रा की जरूरत के सामान वाले क्षेत्रों में भी काम से अर्थव्यवस्था में सुधार बढ़ेगा। हालांकि 20 अप्रैल से कुछ ही क्षेत्रों में काम शुरू होगा ना कि सब क्षेत्रों में।
परिवहन और निर्माण कार्य से जुड़े काम इस दौरान रुके ही रहेंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में काम शुरू होने को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि दूसरे लॉकडाउन में खेती और इससे जुड़ी सेवाएं शुरू करने से 50 फीसदी लोगों को काम मिलेगा क्योंकि आधी आबादी कृषि पर निर्भर है।
इसके अलावा कोरोना से संक्रमित 170 जिलों को हॉटस्पॉट घोषित किया गया है। इन जिलों में कोई आर्थिक गतिविधियां नहीं होंगी जो जीडीपी में 37 फीसदी से अधिक के लिए जिम्मेदार हैं। केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के मुताबिक 20 अप्रैल से कृषि, लॉजिस्टिक्स, बुनियादी ढांचे, ई-कॉमर्स और शहरी सीमाओं के बाहर स्थित कारखानों सहित अर्थव्यवस्था के प्रमुख हिस्सों का संचालन फिर से शुरू होगा। यानी ये वो इलाके होंगे जहां ग्रीन जोन घोषित किया गया है और संक्रमण फैलने का कोई खतरा नहीं है।
रिपोर्ट के मुताबिक 20 अप्रैल से सरकार फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री, कोल्ड स्टोरेज, वेयरहाउस सर्विस, मछलियों का खाना, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, मार्केटिंग, कॉमर्शियल एक्वेरियम, मत्स्य उत्पाद, फिश सीड, चाय, कॉफी, रबर, काजू की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, दूध का कलेक्शन, प्रोसेसिंग, मक्का की मैन्युफैक्चरिंग और डिस्ट्रिब्यूशन का काम शुरू करने की अनुमति दे सकती है। देश की कुल जीडीपी में कृषि क्षेत्र का योगदान 34.64 फीसदी है।
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