करीब एक महीने पहले केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से गरीब हर परिवार को अगले तीन महीने तक एक किलो दाल देने का ऐलान किया था। केंद्र सरकार ने COVID-19 राहत पैकेज के हिस्से के रूप में यह फैसला लिया था। हालांकि, इतने दिन बीतने के बाद भी ऐलान पर अमल वास्तविकता से कोसों दूर है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत सभी राज्यों को अप्रैल महीने में 1.95 लाख मीट्रिक टन दालें गरीबों में बांटनी थी, लेकिन बुधवार (22 अप्रैल) तक सभी राज्यों ने मुश्किल से 19,496 टन दाल ही बांटी है।
यह जानकारी उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों में दी गई है। देशव्यापी लॉकडाउन (तालाबंदी) के दौरान उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ही आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की निगरानी कर रहा है। सूत्रों के अनुसार, नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (नैफेड) को बफर स्टॉक से दालों की आपूर्ति सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है। नैफेड कृषि मंत्रालय के अधीन आता है।
वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज: अब तक प्रगति’ लेकर एक बयान जारी किया। इसमें कहा गया है कि विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 1,09,227 मीट्रिक टन दलहन भेजे गए हैं। हालांकि, खाद्य मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि एनएफएसए के तहत 19.55 करोड़ परिवारों को मुफ्त में दाल उपलब्ध कराने के लिए (पीएमजीकेएवाई) के तहत 1,95,531 मीट्रिक टन दाल का मासिक आवंटन किया गया था।
हालांकि, राज्यों को 1,22,312 मीट्रिक टन दाल दी गई है। इसमें से 44,932 मीट्रिक टन दाल ‘निर्दिष्ट’ राज्यों को भेजी गई है। इन राज्यों तक 34,768 मीट्रिक टन दाल पहुंची, जिसमें से उसने लाभार्थियों को केवल 19,496 मीट्रिक टन दाल ही बांटी। खाद्य मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि देश में लॉकडाउन के एक दिन 26 मार्च को पीएमजीकेएवाई की घोषणा हुई थी। लेकिन नैफेड ने मिलिंग की प्रक्रिया शुरू करने में देरी की, जिसके कारण यह स्थिति बनी।
नैफेड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को बताया, ‘हमें सभी 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में तीन महीनों के लिए 19.55 करोड़ परिवारों को मुफ्त दालें वितरित करनी हैं। बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे बड़े राज्यों में, पात्र लाभार्थियों की संख्या काफी अधिक है। यानी आवंटन ज्यादा है, इसलिए हमें कुछ समय लग रहा है। लेकिन नैफेड इन राज्यों को दाल भेज रहा है।’
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अधिकारी के मुताबिक, ‘अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह, पुडुचेरी और चंडीगढ़ जैसे केंद्रशासित प्रदेशों और मणिपुर, नगालैंड और त्रिपुरा जैसे छोटे राज्यों में दालें भेज दी गई हैं। दालों के बफर स्टॉक को हमेशा अन-मिल्ड करके रखा जाता है। मिलिंग प्रक्रिया में कुछ समय लगता है।’ बता दें कि 6 मार्च को सरकारी बयान में कहा गया था, ‘आर्थिक रूप से गरीब लोगों को प्रोटीन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए, अगले तीन महीने तक हर परिवार एक किलोग्राम दाल मुफ्त में दी जाएगी।’