कोरोना वायरस संकट के चलते देशभर में लागू लॉकडाउन के बीच राजस्थान के कोटा में फंसे विद्यार्थियों के  लिए  उनसे संबंधी राज्य छात्रों को वहां से निकालने में जुटे हुए हैं लेकिन बिहार के सीएम नीतीश कुमार सिद्धांतों पर अड़े हुए हैं। इसके चलते बिहार की पटना यूनिवर्सिटी में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शन कर रहे  छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लिया।

छात्रों की मांग थी कि राजस्थान के कोटा में फंसे बिहार के विद्यार्थियों को बिहार लाने का इंतेजाम किया जाए। बताया जा रहा है कि पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष मनीष कुमार अपने साथी छात्रों के साथ विश्वविद्यालय के गेट पर प्रदर्शन कर रहे थे। यह लोग नीतीश कुमार से छात्रों को वापस लाए जाने की मांग कर रहे थे।

राजस्थान के कोटा में बिहार के लगभग 9 हजार छात्र फंसे हुए हैं। कोटा में पीजी और हॉस्टल में रह रहीं छात्राओं ने दो दिन अनशन भी किया और पोस्टर तैयार कर बिहार सरकार से गुहार लगाई। लेकिन बिहार सरकार के तरफ से उनको वहां से निकालने को लेकर कोई रुख साफ नजर नहीं आ रहा है। हाल ही में उन्होंने कहा था कि सभी को लेकर एक नीति होनी चाहिए। छात्र हर जगह हैं। बात केवल छात्रों के बारे में भी नहीं है, आपको फंसे हुए प्रवासी मजदूरों के बारे में सोचना है लेकिन जब एक राज्‍य से दूसरे राज्‍य की यात्रा पर प्रतिबंध लगा है तो आप कैसे इसकी (छात्रों को लाने की) इजाजत दे सकते हैं?

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बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार और छत्तीसगढ़ ने  पहले ही कोटा से कई सारे छात्रों को अपने-अपने राज्य वापस सुरक्षित बुला लिया है लेकिन  बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कहना है कि यह लॉकडाउन के नियमों के  खिलाफ है। मंगलवार को छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा भेजी गई 75 बसों में लगभग 2000 छात्र वापस लौटे हैं। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के 7,500 से भी ज्यादा छात्रों को अपने राज्य लाया गया। उत्तर प्रदेश सरकार ने छात्रों को लाने के लिए 250 बसें कोटा भेजी थीं।

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