Coronavirus Testing in India: भारत और दुन‍िया के कई देशों में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। 16 अप्रैल तक यह करीब 1.30 लाख लोगों की जान ले चुका है और करीब 21 लाख लोग संक्रमण की चपेट में हैं। भारत में भी कोरोना वायरस के चलते करीब 400 लोगों की मौत हो चुकी है। दुन‍िया भर के व‍िशेषज्ञ इससे बचाव का दो ही उपाय बताते हैं- शारीर‍िक दूरी और ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों की जांच। भारत इन दोनों ही मोर्चों पर दुन‍िया के कई देशों से काफी पीछे है।

कहां क‍ितना टेस्‍ट: भारत में जगह-जगह लॉकडाउन तोड़ कर शारीर‍िक दूरी बनाए रखने की शर्त लोग अक्‍सर तोड़ रहे हैं। वहीं प्रत‍ि 1000 लोगों पर जांच की संख्‍या भी यहां बेहद कम है। यह संख्‍या मात्र 0.1 है। इटली में प्रत‍ि 1000 व्‍यक्‍त‍ि पर 17.2, दक्ष‍िण कोर‍िया में 10 और अमेर‍िका में 8.5 लोगों की जांच हो रही है।

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भारतीय च‍िक‍ित्‍सा अनुसंधान पर‍िषद का कहना है क‍ि उसके पास जांच करने की क्षमता की कमी नहीं है, पर अभी व्‍यापक पैमाने पर जांच की जरूरत ही नहीं है। अभी भारत में कोरोना टेस्‍ट के छह पैमाने हैं।

इन छह आधार पर होती है कोरोना जांच: अगर कोई व्‍यक्‍त‍ि प‍िछले कुछ हफ्तों में व‍िदेश से आया है तो उसकी कोरोना जांच होगी, चाहे उसमें लक्षण हों या नहीं। कोरोना संक्रम‍ित क‍िसी व्‍यक्‍त‍ि के संपर्क में कोई आया हो तो उसकी भी जांच होगी। प्रवासी लोगों की भीड़ में शाम‍िल हुए लोगों का टेस्‍ट होता है। सांस लेने में तकलीफ हो तो टेस्‍ट होगा। ज‍िन स्‍वास्‍थ्‍यकर्म‍ियों में लक्षण द‍िखाई देंगे, उनका टेस्‍ट होगा। कोरोना हॉटस्‍पॉट या क्‍ल्‍स्‍टर एर‍िया के सभी लोगों का टेस्‍ट होगा।

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अभी भारत में औसतन 15 हजार सैंपल रोज जांचे जा रहे हैं। डेली जांचेे जाने वालेे सैंपल्‍स की संख्‍या शुरुआती द‍िनों में काफी कम थी। अब यह लगातार बढ़ रही है। आईसीएमआर ने 33 लाख आरटी-पीसीआर टेस्‍ट का ऑर्डर द‍िया है। 37 लाख रैप‍िड एंटीबॉडी क‍िट्स भी खरीदे गए हैं। इनका इस्‍तेमाल जल्‍द ही होगा।

अगर लोग लॉकडाउन का सख्‍ती से पालन कर शारीर‍िक दूरी बनाए रखें और ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों की जांच होने लगे तो कोरोना का कहर अपेक्षाकृत कम समय में खत्‍म हो सकता है।