इस वक़्त पूरा विश्व महामारी कोरोना वायरस से लड़ रहा है। इसके संक्रमण को रोकने के लिए सभी देश अपनी तरफ से हर संभव कोशिश कर रहे हैं। इसको ध्यान में रखते हुए भारत ने दूसरे देशों को हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन दवा के निर्यात की अनुमति देने का फैसला किया है। भारत ने मलेरिया की इस दवा के निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया था। मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन को कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज में इस्तेमाल किया जा रहा है।
विदेश मंत्रालय (MEA) के अनुसार कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है कि भारत अपने सभी पड़ोसी देशों (जो हमारी क्षमताओं पर निर्भर हैं) को उचित मात्रा में पेरासिटामोल और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का लाइसेंस देगा। हम इन आवश्यक दवाओं की आपूर्ति कुछ देशों को भी करेंगे जो विशेष रूप से महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि कोविड-19 के प्रभाव को देखते हुए हमारा हमेशा से यह मानना रहा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस मामले में मजबूत एकता और सहयोग दिखाना चाहिए।
We will also be supplying these essential drugs to some nations who have been particularly badly affected by the pandemic. We would therefore discourage any speculation in this regard or any attempts to politicise the matter: Ministry of External Affairs (MEA) #COVID19 https://t.co/T4BPoXkLDM
— ANI (@ANI) April 7, 2020
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से अनुरोध किया था कि वह अमेरिका को हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन दवा के निर्यात की अनुमति दे। पिछले हफ्ते ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद मांगी है ताकि भारत अमेरिकी में हाइड्रोक्सी क्लोरीक्वाइन की बिक्री की इजाजत दे। इससे कुछ घंटे पहले ही भारत ने मलेरिया की इस दवा के निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया था। अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण के रोगियों की बढ़ती संख्या के बीच उनके इलाज के लिए इस दवा के इस्तेमाल की इजाजत दी गई है।
ट्रंप ने कहा कि भारत कई वर्षों से अमेरिकी व्यापार नियमों का फायदा उठा रहा है, और ऐसे में अगर नई दिल्ली हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन के निर्यात को रोकता है, तो उन्हें हैरानी होगी। उन्होंने कहा, “अगर ये उनका निर्णय है, तो मुझे हैरानी होगी। उन्हें इस बारे में मुझे बताना होगा। मैंने रविवार सुबह उनसे बात की, उन्हें फोन किया, और मैंने कहा कि हम इस बात की सराहना करेंगे, यदि आप आपूर्ति होने देंगे। अगर वे इसकी इजाजत नहीं देंगे, तो कोई बात नहीं, लेकिन जाहिर तौर पर इसकी प्रतिक्रिया हो सकती है। क्यों नहीं होनी चाहिए?”
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